देहरादून। स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ उत्तराखंड ने एक और अंतरराष्ट्रीय साइबर घोटाले का पर्दाफाश किया है। कम से कम 11 करोड़ रुपए के घोटाले में एक प्रमुख हवाला ऑपरेटर को फर्जी निवेश वेबसाइट के लिए साइबर क्राइम थाना देहरादून ने 3000 किलोमीटर दूर केरल से गिरफ्तार किया है।
इससे पहले गिरोह के एक अन्य सदस्य को साइबर थाना देहरादून टीम बैंगलूरु से गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशो के क्रम में प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने वालो पर सख्ती कार्यवाही कर पुलिस महानिदेशक द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश दिये गये है । वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा पर्यटन के नाम पर फर्जी साइट तैयार कर आम जनता से ई-मेल व दूरभाष व अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क कर स्वयं को विभिन्न नामी-गिरामी कम्पनियों का एग्जूटिव बताते हुये अन्तरार्ष्टीय करेन्सी में निवेश करने व कई गुना लाभ कमाने का लालच देने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है ।
इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें अज्ञात व्यक्ति द्वारा मोबाइल नम्बर +447878602954 व अन्य नम्बरो से वादी मुकदमा को व्हाट्सएप के माध्यम से सम्पर्क कर स्वंय को लिसा नाम से बताते हुये https://in createwealth2.com वेबसाईट पर मुयचल फंड में धनराशि लगाकर लाभ कमाने का लालच देकर एक करोड रुपये की ऑनलाईन धोखाधडी किये जाने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून पर मु0अ0स0 25/22 धारा 420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत किया गया। जिसकी प्राथमिक विवेचना निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला द्वारा सम्पादित की गयी, जिनके द्वारा साईबर अपराध न होने पर आईटी एक्ट को हटाया गया जिसके उपरान्त अभियोग की विवेचना साइबर थाने पर नियुक्त अपर उपनिरीक्षक सुनील भट्ट के सुपुर्द की गयी। जिनके द्वारा मुकदमें के मुख्य सरगना महमीद सरीफ पुत्र सुलेमान निवासी 1-115 मार्केट रोड बड़ा उडिपि कर्नाटका उम्र 40 वर्ष बैंगलूरु से 06.02.2023 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अभियोग में अन्य अभियुक्तों की तलाश जारी रखते हुए अभियोग की विवेचना साईबर थाने में नियुक्त अपर उपनिरीक्षक मुकेश चन्द्र के सुपुर्द की गयी।
अभियोग में अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु टीम गठित की गयी। जिनके द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, तथा अभियुक्तों द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि अभियुक्तों द्वारा शिकायतकर्ता से म्यूचुअल फण्ड में निवेश कर अधिक लाभ कमाने के नाम पर वादी मुकदमा से धोखाधडी की गयी । मोबाइल नम्बर व खातों की जानकारी से अभियुक्तगणों का राज्य उत्तराखण्ड से काफी दूरस्थ केरल से सम्बन्धित होना पाया गया जिसमें टीम को तलाश हेतु गैर प्रान्त केरल रवाना किया गया।
पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तों के सम्बन्ध में साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में एक अभियुक्त वैश्यक एनीकृष्णन् पुत्र एनीकृष्णन् निवासी – ओलेसरी हाऊस पल्लथ रोड, कोडुन्गल्लु पुलुट त्रिशूर, उम्र – 34 वर्ष, केरला से गिरफ्तार किया गया। दौराने गिरफ्तारी प्रकाश में आया कि शिकायतकर्ता की धनराशि अभियुक्त के खाते में आयी है। दौराने गिरफ्तारी अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त डेबिट कार्ड – 05, ड्राईविंग लाईसेन्स – 01, पेन कार्ड – 01, वोटर आई0डी0 कार्ड – 01, यू0ए0ई0 काआई0डी0 कार्ड – 01, आधार कार्ड – 01, मोबाइल मय सिम – 01 बरामद किये गये।
अभियुक्तगणों द्वारा वादी के मोबाइल नम्बर पर मलेशिया से व्हाट्सएप पर एक मैसेज कर अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए https://increatewealth2.comपर म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह दी गयी जिसमें वादी द्वारा पेटीएम के माध्यम से 10,000 रुपये की राशि के साथ शुरुआत की गयी, अभियुक्त गण द्वारा वादी मुकदमा को लुभाने हेतु भारतीय बैंकों का इस्तेमाल किया गया, जिसके पश्चात धीरे-धीरे जब वादी को उचित रिटर्न मिलना शुरू हुआ तो उनके द्वारा भारतीय बैंकों में पैसा लगाकर अपनी राशि बढ़ाकर लगभग 30 लाख रुपये कर दी, इसी तरह अभियुक्त गण द्वारा वादी के साथ भारतीय बैंकों के माध्यम से लगभग एक करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी की गयी। धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते है । अभियुक्तगणो द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम आईडी कार्ड का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है ।
पुलिस टीम में अपर उपनिरीक्षक मुकेश चन्द्र ( विवेचक), उपनिरीक्षक आशीष गुसाँई, हेड कांस्टेबल पवन कुमार, कांस्टेबल पवन पुण्डीर शामिल थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरों के प्रलोभन में न आयें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन टिकट को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें। वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।