महिला आरक्षण बिल को लागू करने में देरी करना देश की आधी आबादी के साथ होगा अन्याय: यशपाल आर्य

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देहरादून। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , कांग्रेस ने हर कदम पर महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है. हमें महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बेहद खुशी है . हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि जिस राजनीतिक अधिकार महिला आरक्षण के लिए भारतीय महिलाएं पिछले 13 वर्षों से इंतजार कर रही हैं उसके लिए उन्हें और कितने साल इंतजार करना पड़ेगा।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद अब हम सबकी चिंता इस बात को लेकर है कि , महिला आरक्षण धरातल पर कब लागू होगा। उन्होंने कहा कि , 2001 में संशोधित हुए अनुच्छेद 82 के अनुसार 2026 के बाद पहली जनगणना के आंकड़े जारी होने से पहले परिसीमन नहीं हो सकता . याने 2031 में ही परिसीमन हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अधिकांश राजनीतिक विश्लेषक इस तथ्य को नकार रहे हैं कि परिसीमन आयोग की फाइनल रिपोर्ट मिलने में ही तीन से चार साल तक का समय लगता है । पिछले परिसीमन आयोग ने पांच साल का समय लिया था। उन्होंने कहा कि , जनसंख्या के अनुपात में बदलाव के कारण भी आगामी परिसीमन बहुत विवादित भी हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , यदि इन सभी कारकों को ध्यान में रखा जाय तो परिसीमन 2039 से पहले लागू होना असंभव है ।
यशपाल आर्य ने कहा कि , यदि मोदी सरकार को मनमोहन सिंह सरकार के समय पेश 2010 वाले महिला आरक्षण बिल के प्राविधानों को लागू करती तो 2024 के चुनाव तक देश की महिलाओं को आरक्षण मिल सकता था। देश की महिलाओं का मोदी सरकार से प्रश्न है कि , आखिर मोदी सरकार ने 2024 तक आरक्षण देने वाले विधेयक के प्राविधान क्यों नहीं माने ?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , कांग्रेस की मांग है कि महिला आरक्षण बिल को तुरंत लागू किया जाय और जातिगत जनगणना करवाकर एससी , एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए . यशपाल आर्य ने कहा कि अब इस बिल को लागू करने में और देर करना भारत की स्त्रियों के साथ अन्याय होगा।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , देश की महिलाओं ने आजादी की लड़ाई लड़ी है । तब से लेकर वे वर्तमान समय तक देश की तरक्की के लिए पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दे रही हैं । उन्होंने कहा कि कई मामलों में महिलाओं ने स्वयं को पुरुषों से अधिक सक्षम सिद्ध किया है । इसलिए महिला आरक्षण बिल को लागू करने में और देर करना देश की आधी आबादी के साथ अन्याय होगा।

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