विशेषज्ञों की राय: भारत में निकल चुके है कोरोना की दूसरी लहर का पीक, सात मई से संक्रमण में लगातार गिरावट

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दिल्ली। सात मई के बाद कोरोना के नए संक्रमणों में लगातार गिरावट बनी हुई है। आईआईटी का मॉडल यह प्रदर्शित कर रहा है कि दूसरी लहर की पीक निकल चुकी है। पिछले एक सप्ताह में संक्रमण नहीं बढ़ा है। संख्या कम ज्यादा हो रही है जो दर्शाता है कि संक्रमण की दर स्थिर हो चुकी है। इसलिए अगले कुछ दिनों के आंकड़ों से स्थिति पूरी तरह से साफ हो पाएगी।
आईआईटी कानपुर का सूत्र मॉडल भी यही संकेत दिखा रहा है। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने संक्रमण में कमी को लेकर ट्वीट किए हैं, जिसमें मॉडल के जरिये दर्शाया है कि संक्रमण में गिरावट दिखाई दे रही है। यह पूछने पर कि क्या पीक निकल चुकी है, उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह आ चुकी है। हालांकि, हमें इसे सुनिश्चित करने के लिए कुछ और दिन आंकड़ों पर नजर रखनी होगी।
सूत्र मॉडल ने मई मध्य में पीक आने की संभावना व्यक्त की थी
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 मई को देश में कोरोना के सर्वाधिक 4,14,188 नए संक्रमण दर्ज किए गए थे। उसके बाद यह आंकड़ा लगातार कम बना हुआ है। लेकिन इन आंकड़ों के साथ और भी सकारात्मक संकेत हैं। जैसे देश की करीब 60-65 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले 18 राज्यों में भी संक्रमण की दर पिछले एक सप्ताह से स्थिर है या घट रही है। सिर्फ नौ राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां इसमें अभी भी वृद्धि का रुझान है।
विशेषज्ञों की यह भी राय है कि चूंकि कई राज्यों में संक्रमणों में वृद्धि जारी है इसलिए नए संक्रमणों में कमी के बावजूद अगले कुछ महीनों तक नए संक्रमणों में कमी के बावजूद संख्या ऊंची बनी रह सकती है। इसे लाखों से हजारों में आने में लंबा वक्त लग सकता है। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी विभाग के निदेशक प्रोफेसर जुगल किशोर उपरोक्त दोनों आंकड़ों के साथ-साथ सक्रिय मामलों के स्थिर होने और रिकवरी रेट के बेहतर होने को भी सकारात्मक मानते हैं। वह कहते हैं कि दिल्ली समेत कई राज्यों में पीक निकल चुकी है, जिसका असर देशभर के आंकड़ों पर दिखना शुरू हो गया है। आगे भी नए संक्रमणों में कमी जारी रह सकती है।

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