देहरादून। धोखाधड़ी, नाबालिग से शोषण और कब्जे जैसे आरोपों में घिरे दिल्ली के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवी प्रेमनाथ के खिलाफ विजिलेंस जल्द चार्जशीट दाखिल करेगी। विजिलेंस ने इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने सीधे ही चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। प्रेमनाथ को सरकार जबरिया सेवानिवृत्त भी कर चुकी है।
प्रेमनाथ के खिलाफ दिल्ली और उत्तराखंड में कुल पांच मुकदमे दर्ज हैं। प्रेमनाथ दिल्ली, अंडमान, निकोबार आइलैंड, लक्षद्वीप, दादरा नगर हवेली एंड दमन दीव प्रशासनिक सेवा (दानिक्स) का अधिकारी था। वह वर्ष 2021 में दिल्ली में बतौर एडीएम तैनात था। उसने पत्नी के साथ मिलकर रानीखेत के मजखोली में एक रिजॉर्ट बनाया था।
आरोप था कि रिजॉर्ट के निर्माण के लिए उसने कई जमीनों पर कब्जे किए। कई लोगों को नौकरी का झांसा दिया। इस पर एक मुकदमा स्थानीय पुलिस ने दर्ज किया था। इस मुकदमे जिस न्यायिक अधिकारी ने उसके खिलाफ फैसला सुनाया, उसे ही फंसाने की साजिश रच डाली। उसने अपने दफ्तर की महिला के फोन नंबर का इस्तेमाल करते हुए एक ई-मेल आईडी तैयार की।
इस आईडी से हाईकोर्ट को जज के खिलाफ शिकायत कर दी। हाईकोर्ट ने जांच विजिलेंस को सौंपी। जांच में पाया गया कि जज के खिलाफ यह आरोप झूठे हैं। इस पर मुकदमा दर्ज करते हुए महिला को जेल भेज दिया गया। इसके बाद विजिलेंस ने जांच जारी रखी तो पता चला कि महिला इतनी पढ़ी लिखी नहीं है कि इस तरह की ई-मेल हाईकोर्ट को कर दे।
ऐसे में महिला के बयान दर्ज किए गए। प्रेमनाथ इससे पहले भी अपने कर्मियों के नामों का इस्तेमाल कर चुका है। अब उसके खिलाफ ही धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। विजिलेंस ने जांच पूरी की तो केंद्र सरकार से जार्चशीट दाखिल करने की अनुमति मांगी, लेकिन, केंद्र ने अनुमति को गैरजरूरी बताया और कहा कि विजिलेंस सीधे ही चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया, एवी प्रेमनाथ के खिलाफ चार्जशीट तैयार है। जल्द ही इसे स्थानीय कोर्ट में दाखिल किया जाएगा। बता दें कि जल्द ही प्रेमनाथ को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
प्रेमनाथ के प्रपंच में फंसकर महिला जेल चली गई थी, लेकिन जब जांच हुई तो एक साल बाद बाहर आ गई। इसके बाद पिछले साल महिला ने आरोप लगाया, प्रेमनाथ ने मजखोली के रिजॉर्ट में बेटी के साथ छेड़खानी और शोषण किया है। एसडीएम के आदेश पर राजस्व चौकी में मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन राजस्व पुलिस ने ठीक से जांच नहीं की। इसके बाद यह मामला रेगुलर पुलिस के पास भेजा गया, जिसके बाद एवी प्रेमनाथ को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया था।






