नगर निकाय कल से प्रशासकों के हवाले, अभी नहीं मिला वित्तीय अधिकार

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देहरादून। प्रदेश के 84 नगर निकायों में शनिवार दो दिसंबर से निर्वाचित बोर्ड की जगह प्रशासक काम काज संभालेंगे। इन निकायों में निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो रहा है। इससे एक दिन पहले शहरी विकास विभाग ने यहां जिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्त कर दिया है।

2018 में प्रदेश के 84 निकायों में चुनाव हुए थे। इन निकायों में निर्वाचित बोर्ड का पांच वर्षीय कार्यकाल शुक्रवार एक दिसंबर को समाप्त हो रहा है। लेकिन इस बीच नए चुनाव सम्पन्न नहीं हो पाए हैं। इसी क्रम में गुरुवार को प्रमुख सचिव शहरी विकास आरके सुधांशु की ओर इन निकायों में जिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब जिलाधिकारी यहां एसडीएम के माध्यम से काम काज संभालेंगे। ऐक्ट के अनुसार प्रशासकों का कार्यकाल अधिकतम छह माह ही हो सकता है, हालांकि आदेश में समय सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है। इसी के साथ प्रदेश में नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक नियुक्त करने का पुराना इतिहास फिर दोहराया गया है।

आदेश में फिलहाल प्रशासकों को वित्तीय शक्तियां नहीं दी गई है। इस कारण नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में कर्मचारियों का वेतन, मानदेय, निर्माण कार्यों का भुगतान सहित सभी तरह के वित्तीय काम काज रुक जाएंगे। दरअसल नगर पंचायत और नगर पालिका में सभी तरह के वित्तीय काम काज, अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से सम्पन्न होते हैं। हालांकि नगर निगमों में वित्तीय शक्तियां सिर्फ एमएनए के पास होने से कोई संकट नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार पिछली बार भी वित्तीय शक्तियों के आदेश अलग से जारी किए गए थे, इस बार भी कुछ दिन बार प्रशासकों को वित्तीय शक्तियां दी जाएंगी।

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