देहरादून। उत्तराखंड में अब प्रदेश से बाहर के लोग कृषि या उद्यान के नाम पर जमीन नहीं खरीद सकेंगे। उत्तराखंड में जमीनों का खुर्द-बुर्द करने की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए धामी सरकार ने रविवार को बड़ा फैसला लिया। सरकार ने भू-कानून प्रारूप समिति की रिपोर्ट आने या अगले आदेश तक प्रदेश से बाहर के लोगों को जिलाधिकारी की अनुमति से मिलने वाली कृषि एवं उद्यान भूमि खरीदने की छूट पर रोक लगा दी है।
राज्य से बाहर के लोग उत्तराखंड में डीएम स्तर पर मंजूरी लेकर धड़ल्ले से कृषि और उद्यान के नाम पर भूमि खरीद रहे थे। अब सरकार ने इस पर पूरी तरह रोक लगाने का फैसला लिया है। सीएम आवास में रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
दरअसल, उत्तराखंड के लिए नया भू-कानून तैयार करने के लिए सरकार ने प्रारूप समिति गठित की है। बैठक में तय किया गया कि भू-कानून समिति की रिपोर्ट मिलने तक या अग्रिम आदेशों तक डीएम उत्तराखंड से बाहर के लोगों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से भूमि खरीद की अनुमति के प्रस्ताव में अंतिम निर्णय नहीं लेंगे। उत्तराखंड में राज्य से बाहर के लोगों को कृषि एवं उद्यान के लिए जमीन खरीदने की मंजूरी 2004 में कांग्रेस सरकार में मिली थी।
उत्तराखंड में सिर्फ वही लोग कृषि व उद्यान की जमीन खरीद सकेंगे, जिनके नाम पर 12 सितंबर 2003 से पहले उत्तराखंड में अचल संपत्ति है। उत्तर प्रदेश जमींदारी एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 154 में वर्ष 2004 में संशोधन किया गया था। इसके अनुसार ऐसे व्यक्ति जो प्रदेश में 12 सितंबर 2003 से पूर्व अचल संपत्ति के धारक नहीं हैं, वे कृषि और औद्यानिकी के उद्देश्य से भूमि खरीदने को जिलाधिकारी से मंजूरी ले सकता है।