हलद्वानी। उत्तराखंड क्रांति दल के केन्द्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने 2001-2002 और उसके बाद में भर्ती पुलिस कर्मियों को 20 वर्ष पूरे होने के उपरांत भी प्रदेश सरकार द्वारा 4600 ग्रेड पे के स्थान पर 2800 ग्रेड पे दिए जाने का विरोध किया है। इसके विरोध में वह अपने आवास में एकदिवसीय उपवास पर बैठे। उन्होंने प्रदेश सरकार से पुलिस कर्मियों को शीघ्र 4600 ग्रेड पे दिए जाने के साथ-साथ भविष्य में रिटायर होंने वाले पुलिस कर्मियों को पेंशन एवम सप्ताह में एक दिन की छुट्टी देने की मांग भी की। कहा कि पुलिस कर्मी भी सप्ताह में एक दिन अपने परिवार के साथ रह सके। उक्रांद के केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने कहा कि इस कोरोना बीमारी की दूसरी लहर में पुलिस कर्मी प्रथम पंक्ति के कोरोना वारियर्स के रूप में प्रदेश की आम जनता की सेवा कर रहे हैं, मगर पुलिसकर्मियों की मांगों एवम आवश्यकताओं पर सरकार द्वारा कोई विचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने ने कहा कि 2001-2002 और उसके बाद भर्ती सभी पुलिस कर्मियों को पुलिस में सेवा देते हुए 20 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, ऐसे में इन सभी पुलिस कमिॅयों को 4600 रुपये ग्रेड पे दिया जाना चाहिए। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 2800 रुपये ग्रेड पे दिया जा रहा है जो कि पुलिस कर्मियों के साथ नाइंसाफी है। यह पूरी तरह से अनुचित है। जिसका वो और उनकी पार्टी उक्रांद पूर्ण रूप से विरोध करती है। प्रदेश सरकार से मांग करती है कि अतिशीघ्र ही ग्रेड पे 4600 रुपये किया जाय और यही प्रथम पंक्ति के कोरोना वॉरियर्स के रूप में पुलिसकर्मियों का सच्चा सम्मान होगा।
सुशील उनियाल ने कहा कि जो भी पुलिस कर्मी कुम्भ से लौटकर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं उनका सारा खर्च प्रदेश सरकार तत्काल प्रभाव से वहन करे और सभी पुलिस कर्मियों के हित में ऐसे कदम उठाए जाएं कि पुलिस कर्मी मानसिक एवम शारिरिक तनाव से दूर रहें। उन्होंने सरकार का ध्यान दिलाया कि ज्यादातर पुलिस आरक्षी को जमीनी स्तर पर पब्लिक के बीच में रहना पड़ता है और कहीं भी कार्य या दबिश में जाते हैं तो उन्हें अपना खर्चा करना पड़ता है। यह उनका आथिॅक शोषण है। सुशील उनियाल ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन किए जाने की मांग उठाई। कहा कि 20 साल से सरकार ने पुलिसकर्मियों को प्रमोशन नहीं दिया उल्टा उनके ग्रेड पे की कटौती की जा रही है। 28 मई को कैबिनेट की बैठक में पुलिस कर्मियों के ग्रेड पर को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन किया जाएगा।