पिथौरागढ़ को गंगोलीहाट व बेरीनाग को सीधे जोड़ने की मांग, दो बेटों के साथ उपवास पर बैठे पर बैठे पूर्व पालिकाध्यक्ष खाती

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पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय को गंगोलीहाट और बेरीनाग से जोड़ने के लिए बनाए गए दो मोटर मार्ग के लिए पुल स्वीकृत न होने से नाराज नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस के निवॅतमान महासचिव जगत सिंह खाती ने आज परिजनों के साथ घर पर उपवास रखा। उन्होंने कहा कि इन दो मागोॅ के तैयार हो जाने से जिला मुख्यालय आने वालों को आसानी हो जाएगी। उनका समय व पैसा बचेगा।
भाटकोट स्थित आवास पर धरने पर बैठे श्री खाती ने कहा कि चंडिका घाट मंदिर के पास रामगंगा नदी में स्वीकृत 80 मीटर पुल व दशाइथल आंवला घाट रामगंगा नदी में स्वीकृत 80 मीटर पुल में निविदाएं लगानेके लिए
रसाईपाटा होते हुए चंडिका घाट मंदिर रामगंगा नदी तक सड़क चली गई है विकासखंड गंगोलीहाट से लोक निर्माण विभाग बेरीनाग ने गली से चंडीकाघाट मंदिर तक लगभग सड़क बना दी है। चंडीका घाट पर 80 मीटर पुल बनाना है। यह पुल 2006 में स्वीकृत हो चुका था। पुल के न बनने से कई परेशानियां क्षेत्र के निवासियों को उठानी पड़ रही है। लोक निर्माण विभाग के बेरीनाग डिवीजन से लेकर पिथौरागढ़ लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता कार्यालय तक कई बार गुहार लगा चुकी है। कई दफा अवगत कराने के बाद भी विभाग ने निविदाएं नहीं लगाई जा रही है। विभाग बहाने बनाकर टाल रहा है। कहा कि शासनादेश इस तरह का भी है कि 8 मीटर से लंबा पुल होने पर ब्रिडकुल बनाता है।
इसी तरह आंवला घाट- दसाईथल सड़क दोनों तरफ से बन गई है आंवला घाट नामक स्थान पर रामगंगा नदी में 80 मीटर लंबा पुल बनाया जाना है। यह भी 2006 में स्वीकृत हो चुका था। यह दोनों पुलों के बनने से कोविड-19 से संक्रमित लोगों को भी आसानी से पिथौरागढ़ में चिकित्सा सुविधा मिल जाती।
पिथौरागढ़-कनालीछीना गंगोलीहाट, बेरीनाग क्षेत्र के निवासियों की मांग है तत्काल चंडिका घाट नदी में व आंवला घाट रामगंगा नदी में स्वीकृत 80 -80 मीटर के स्वीकृत पुलों का निर्माण किया जाए। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजा है। कहा कि दोनों सड़कों के बनने से चंड़िकाघाट, पाताल भुवनेश्वर व महाकाली मंदिर गंगोलीहाट आपस में जुड़ जाएंगे।
श्री खाती ने कहा कि यदि पुल निर्माण शुरू न हुआ तो आंदोलन शुरू किया जाएगा। इन मांगों को लेकर श्री खाती आज अपने परिवार के साथ उपवास पर बैठे। साथ में पुत्र वैभव खाती और यश खाती ने भी धरना दिया।

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