*गिरीश जोशी*
पिथौरागढ़। उत्तराखंड राज्य गठन से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के खास नजदीकी नेताओं में कुमाऊं से दो नाम चचाॅ में रहते रहे हैं। इनमें एक पूवॅ विधानसभा अध्यक्ष व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और दूसरा पूवॅ कैबिनेट मंत्री और निवतॅमान राज्यसभा सांसद महेन्द्र सिंह माहरा। राज्य गठन के बाद पहली निर्वाचित विधानसभा में श्री रावत के दोनों कट्टर समर्थक नारायण दत्त तिवारी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। श्री तिवारी ने एक को उद्यान तो दूसरे को कृषि मंत्री बनाया। इन दोनों के सहारे हरीश रावत हमेशा सरकार पर दबाव बनाने में कामयाब रहे।
अब हरीश रावत के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान से राज्य में मुख्यमंत्री के लिए नाम तय करने की मांग के बाद यह सभी सक्रिय हो गए हैं। पहले गोविंद सिंह कुंजवाल ने हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के लिए प्रस्ताव रखा तो अब महेन्द्र सिंह माहरा भी इस लड़ाई में कूद गए हैं। उन्होंने न केवल विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, बल्कि हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के लिए समथॅन जुटाने की घोषणा कर दी। राज्यसभा के पूर्व सांसद महेंद्र सिंह माहरा ने कहा कि उत्तराखंड में 2022 के चुनाव की कमान हरीश रावत को सौंपी जानी चाहिए, क्योंकि आराकोट-मोरी से लेकर मुनस्यारी तक राज्य में हर जगह वरिष्ठतम नेता हरीश रावत का प्रभाव है। राज्य में पार्टी कार्यकर्ता व नेता सभी उनको लोकप्रिय तथा प्रभावशाली नेता के तौर पर जानते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग हरीश रावत के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं, वह गलत है। ऐसे लोग संगठन को कमजोर कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए।
शनिवार को जिला मुख्यालय में महेंद्र सिंह माहरा ने यह बात सिल्थाम स्थित अपने आवास पर आयोजित एक प्रेसवार्ता में कही। लंबा राजनीतिक अनुभव रखने वाले माहरा ने कहा कि इस समय हमें बीजेपी से लड़ना है। अगर बीजेपी को कोई टक्कर दे सकता है तो वह चेहरा हरीश रावत ही हैं। पूर्व सांसद माहरा ने कहा कि आम जनता में भी रावत की छवि एक दमदार और सुलझे हुए व्यक्ति के रूप में है। ऐसे में चुनाव का चेहरा हरीश रावत को बनाकर राज्य में कांग्रेस उनके नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव में सफलता का परचम लहरा सकती। पार्टी हाईकमान को हरीश रावत के नाम की घोषणा तत्काल करनी चाहिए। वार्ता के अवसर पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, पूर्व पालिका जगत सिंह खाती, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता भूरे मियां, भुवन जोशी आदि मौजूद थे। महेंद्र सिंह माहरा ने खुद के आगामी विधानसभा लड़ने के सवाल पर कहा कि चंपावत और पिथौरागढ़ जिला उनकी राजनीतिक और सामाजिक सभी तरह की कर्मभूमि रहा है। पार्टी चाहे चंपावत से कहे, लोहाघाट से या फिर पिथौरागढ़ से वह कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, जो पार्टी-संगठन के हित में होगा वह करने के लिए तैयार हैं।