न्यायालय की फटकार के बिना कोई काम नहीं कर रही है राज्य सरकार: मथुरादत्त जोशी

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देहरादून। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जीरो टॉलरेंस का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा की राज्य सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। बार-बार उच्च न्यायालय को हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को फटकार लगानी पड रही है।
प्रदेश की विधानसभा में हुए बैकडोर भर्ती घोटाले में न्यायालय के आदेशों के उपरान्त बैकडोर से नौकरी पाये कर्मचारियों को तो तुरंत हटा दिया गया परन्तु जो लोग इस भर्ती घोटाले के कर्णधार थे उनके गिरेबान तक सरकार हाथ डालने में डर रही है। उन्होंने कहा कि न्यायालय के बार-बार पूछने पर भी राज्य की धामी सरकार इसलिए कार्रवाई से आनाकानी कर रही है क्योंकि राज्य में अभी तक जितने भी भर्ती घोटाले हुए हैं उनमें या तो भाजपा सरकार के विभागीय मंत्री शामिल हैं या भाजपा संगठन के पदाधिकारी। उन्होंने कहा कि विधानसभा भर्ती घोटाले में दोषियों पर कार्रवाई के लिए बिना न्यायालय की फटकार के प्रदेश की धामी सरकार एक भी कदम बढाने को तैयार नहीं है। विधानसभा भर्ती घोटाला मामले में न्यायालय कई बार भाजपा सरकार से जवाब तलब कर चुकी है परन्तु राज्य सरकार कोर्ट को लगातार गुमराह करती आई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी मा0 उच्च न्यायालय से कई मामलों में समय-समय पर दर्जनों बार राज्य की भाजपा सरकार को फटकार लग चुकी है।
मथुरादत्त जोशी ने कहा कि न्यायालय ने राज्य की सरकार की अकर्मण्यता पर प्रश्न खडे करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर केवल जीरो टॉलरेंस का खोखला ढोल पीट रही है। राज्य की जनता व बेरोजगार नौजवानों को धोखा देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा भर्ती घोटाला मामले में न्यायालय ने बैकडोर भर्ती घोटाले के लिए जिम्मेदार राजनेताओं पर कार्रवाई न होने पर कडी टिप्पणी की है तथा राज्य सरकार से एक बार पुनः जवाब मांगा है। जबकि राज्य सरकार जांच समिति के गठन की बात कह कर न्यायालय को गुमराह करती आ रही है तथा कार्रवाई करने से कतरा रही है क्योंकि कार्रवाई करने से भाजपा के जीरो टॉलिरेंस की पोखल खुलती है।
मथुरादत्त जोशी यह भी कहा कि हाल ही में नीट भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक में भी भाजपा के पदाधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुइ है जिससे पूरे देश में भाजपा का बेरोजगार नौजवान विरोधी घृणित चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उत्तराखण्ड की राज्य सरकार को उसकी जिम्मेदारियां याद दिलानी पड रही है तथा हर मामले में मा0 न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायालय को राज्य सरकार डंडे से चलानी पड रही है।

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