प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से बात की, कहा- केंद्र देवभूमि को हरसंभव सहयोग देगा

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देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के रैनी में ग्लेशियर फटने की बाद चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली करने में जुटे। वहीं हादसे में कई लोगों के लापता होने की खबर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से पुराने वीडियो शेयर न करके और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। इसके अलावा उन्होंने मदद के लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया है।
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा, ‘ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी प्रभावित हुई है और बाढ़ के कारण बीआरओ द्वारा बनाया जा रहा पुल बह गया है। ऋषिगंगा परियोजना की अपर रीच भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे चमोली, जोशीमठ और अन्य बहाव क्षेत्र प्रभावित होंगे। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें पहले से ही जोशीमठ में तैनात हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) पहले ही देहरादून से जोशीमठ स्थानांतरित हो चुका है। हम दिल्ली से देहरादून के बाद जोशीमठ तक 3-4 और टीमों को एयरलिफ्ट करने की आयोजन बना रहे हैं।’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा को लेकर मैंने सीएम टीएस रावत, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के महानिदेशकों से बात की है। संबंधित सभी अधिकारी लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए रवाना हो गई हैं। देवभूमि को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। एनडीआरएफ की कुछ और टीमों को दिल्ली से उत्तराखंड भेजा जा रहा है। हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।’
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अभी तक किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत से फोन पर बात की।

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