मोबाइल टावर लगाने के नाम पर 35 लाख ठगने वाले गिरोह का एक सदस्य चंपावत पुलिस ने किया गिरफ्तार

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चंपावत। चंपावत पुलिस ने मोबाइल टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में अंतर्राज्यीय गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस बाकी अन्य की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
पुलिस के अनुसार श्रीमती ज्योति नेगी पत्नी गोविन्द सिंह निवासी ग्राम डडाबिष्ट ने म कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में बताया कि कुछ समय पूर्व उसके भाई चेतन नेगी द्वारा एक अखबार में 110 मोबाइल टावर लगवाने के सम्बन्ध में विज्ञापन देखा। उसने दिए गए मोबाइल नंबर पर सम्पर्क किया। मोबाइल में बात करने वाले ने अपना नाम प्रदीप कुमार शर्मा पुत्र राम प्रगट, निवासी आरा मशीन, पुराव, हलुवा बस्ती उत्तर प्रदेश बताया। कहा कि हम लोग मोबाइल टावर लगाने हेतु जमीन तलाश रहे है । यदि आप हमें जमीन उपलब्ध कराये तो इस हेतु आपको 45 लाख रुपये दिए जाएंगे। सिक्योरिटी के लिए दिए गये खाता संख्या में 2000 रुपये जमा करने को कहा। विश्वार कर भाई द्वारा ठग के खाते में दो हजार रुपये तथा अगल-अलग दिन अलग खातों में कुल पांच लाख 35 हजार 850 रुपये यूपीआई के माध्यम से जमा किये गये। इतने रूपये जमा करने के उपरान्त भी प्रदीप शर्मा द्वारा मोबाइल टावर नहीं लगाया गया। इसके बाद रूपये भी वापस नहीं लौटाए।
पीड़ित ज्योति ने 23 जनवरी को कोतवाली चम्पावत में मामला पंजीकृत कर इस केस की जांच उपनिरीक्षक हेमन्त कुमार प्रभारी चौकी चल्थी को सौंपी की गयी।
पुलिस टीम ने पुलिस कार्यालय में स्थित सर्विलांस/साईबर सैल एवं गठित पुलिस टीम द्वारा उक्त घटना के क्रम में सम्बन्धित फोनपे, गूगलपे नोडल, सम्बन्धित बैकों की डिटेल, मोबाइल सर्विलांस तथा अखबार विज्ञापन के माध्यम से अभियुक्त की पहचान की गयी तो अभियुक्त सोनू पुत्र स्व0 विनोद, उम्र-23 वर्ष, निवासी ग्राम नारसनकला, थाना मंगलौर, जनपद हरिद्वार उत्तराखण्ड का होना प्रकाश में आया। जिसके द्वारा अपना फर्जी नाम प्रदीप शर्मा उपरोक्त बताकर ज्योति के भाई के साथ धोखाधड़ी की गयी थी ।
जांच पड़ताल के बाद हेमंत कठैत चौकी प्रभारी चल्थी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने हरिद्वार में सोनू को ग्राम नारसन कला थाना मंगलौर हरिद्वार से गिरफ्तार किया । जहां पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला पंजीकृत कर उसको न्यायालय में पेश किया।
पुलिस की पूछताछ में सोनू ने बताया कि स्थानीय स्तर पर मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फ्राड करने वाले गैंग का सदस्य है। यह गैंग लोगों को मोबाइल टावर लगाने के नाम पर मोटी रकम दिलाने का लालच देकर भोले भाले लोगों को अपने विश्वास में लेते है तथा सिक्योरिटी के नाम पर लोगों से अलग-अलग खातों में रूपये जमा करवाते है। जब तक लोगों को इसके बारें में समझ में आता है तब तक वे ठगों के खाते में लाखों रूपये जमा कर चुके होते है।
पुलिस टीम में हरपाल सिंह (प्रभारी निरीक्षक साईबर सैल),
उप निरीक्षक हेमन्त कठैत (चौकी प्रभारी चल्थी), आरक्षी अब्दुल मलिक;अजय शाही, सद्दाम हुसैन, भुवन पाण्डेय थे।

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