नीति आयोग के सदस्य डॉ पाॅल का दावा: कोविड वैक्सीन लगा चुके 80 फीसदी लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं

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दिल्ली। भारत सरकार के नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल ने बताया कि अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके व्यक्तियों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 75-80 फीसद कम होती है। ऐसे व्यक्तियों को ऑक्सीजन समर्थन की आवश्यकता होने की संभावना लगभग 8 फीसद है और टीकाकरण वाले व्यक्तियों में आईसीयू में प्रवेश का जोखिम केवल 6 फीसद है।
डॉक्टर वीके पॉल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों में सेरोपोसिटिविटी दर 56 फीसद और 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में 63 फीसद है। जानकारी से पता चलता है कि बच्चे संक्रमित थे लेकिन यह बहुत हल्का था। बच्चों में संक्रमण के केवल अलग-अलग मामले हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ और एम्स के सर्वेक्षण से पता चलता है कि 18 वर्ष से कम और 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में सेरोपोसिटिविटी लगभग बराबर है। 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में, 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों में सेरोपोसिटिविटी दर 67 फीसद और 59 फीसद है। शहरी क्षेत्रों में, यह 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों में 78 फीसद और 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों में 79 फीसद है।

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