हल्द्वानी। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कोरोना वैक्सीन न लगाने संबंधी अपने ही बयान पर घिर गए हैं। उत्तराखण्ड राज्य के 40 बुद्धिजीवियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, सोशियल एक्टिविस्ट और अन्य लोगों की और से पूर्व मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 14 जून के बयान की निंदा करते हुए शुक्रवार को राज्यपाल को ज्ञापन ईमेल द्वारा भेजा गया । उल्लेखनीय है कि गत 14 जून को पूर्व मुख्यमन्त्री ने कहा था एक समुदाय के लोग टीका लेने की ज़रूरत नहीं समझ रहे हैं। इस बयान की निंदा करते हुए हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि सच्चाई यह है कि सत्ताधारी दल के नेता और उनसे करीबी रखने वाले उद्योगपति जैसे बाबा रामदेव ने ही सबसे ज्यादा वैज्ञानिक दवाओं और टीके ( वैक्सीन) के खिलाफ प्रचार किया है। इसके अतिरिक्त गत वर्ष 2020 में भी सत्ताधारी दल और कुछ मीडिया घरानों ने समुदाय विशेष को ही कोविड-19 जैसी महामारी के लिए दोषी बता कर महीनों तक इस बारे में दुष्प्रचार किया था, जिसकी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन और अन्य देशों की सरकारों ने कड़ी निंदा की थी। हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि जब इस महामारी में हमारे लाखों देशवासियों की जान चली गयी है, अपनी कमियों को छुपाने और लोगों को किसी एक समुदाय के खिलाफ भड़काने व उन्हें छुद्र राजनीति के लिए निशाना बनाने वाली ऐसी राजनीति को कभी अंजाम नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार को तुरंत स्पष्ट करना चाहिए कि सरकार पूर्व मुख्य मंत्री की बात से सहमत है या नहीं।
राज्यपाल से ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि इस महामारी में हमारे लाखों देशवासियों की जान चली गयी है। इस समय इस महामारी को आधार बनाकर साम्प्रदायिकता और नफरत फैलाना अति जन विरोधी काम है। राज्यपाल संविधान का रक्षक होता है। अत: हम आपसे निवेदन करते हैं कि आप ऐसे बयानों की निंदा करते हुए सरकार को भी निर्देशित करें कि अपनी राय को स्पष्ट करते हुए विज्ञान के आधार पर नीतियॉ बनाये और किसी भी प्रकार की नफरत या हिंसा फैलाने को प्रेरित करने वाले बयानों पर तुरन्त कार्यवाही करे। ज्ञापन में माले के इंद्रेश मैखुरी, भाकपा के राज्य सचिव समर भंडारी, सपा के डॉ सत्यनारायण सचान, उलोवा के राजीव लोचन साह, महिला मंच की कमला पंत, चेतना आन्दोलन के शंकर गोपाल और विनोद बडोनी, वरिष्ठ आंदोलनकारी गीता गैरोला, माकपा के राजेंद्र नेगी, वरिष्ठ पत्रकार इस्लाम हुसैन, वरिष्ठ पत्रकार जगमोहन रौतेला, वरिष्ठ पत्रकार महीपाल नेगी, त्रिलोचन भट्ट, नीलकंठ चमोली , अखिल भारतीय जनवादी महिला संगठन की इंदु नौडियाल, एसएफआई के हिमांशु, आइसा की शिवानी पान्डे, अशोक शर्मा,विद्या भूषण रावत, भारत ज्ञान विज्ञानं समिति के कमलेश खंतवाल, उमा भट्ट, जाह्नवी तिवारी, उत्तराखंड महिला मंच की मल्लिका विर्दी, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कैलाश, आइसा के अनूप बिजल्वाण, सांस्कृतिक समागम के आशु वर्मा, विजय शंकर शुक्ला, राकेश अग्रवाल, नाहिद प्रवीन, प्रेरणा गर्ग, देवेंद्र बहुगुणा, योगेश चन्द्र बहुगुणा, मीनू जैन, अरण्य रंजन, दीपिका ध्यानी घिल्डियाल,कल्प गैरोला, गजेंद्र बहुगुणा, सोनिया नौटियाल गैरोला, पृथ्वी लक्ष्मी राज सिंह, डॉ. श्रीनाथ शर्मा आदि के हस्ताक्षर हैं।