- देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने आई आपदा में पांच संपर्क पुल ध्वस्त हो गए हैं। संपर्क टूटने वाले गांवों में हेलिकॉप्टर के जरिए फूड पैकेट गिराए जा रहे हैं। इस त्रासदी के बाद आई बाढ़ से क्षेत्र के पांच बड़े पुल टूटने की खबर है। इससे तपोवन इलाके के 13 गांवों से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। इन गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य चल रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि अचानक आए पानी के सैलाब से इस इलाके में बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन के पांच पुल बह गए। बाढ़ से एक बड़ा और चार छोटे पुल जमींदोज हो गए हैं। ये पुल पहाड़ियों के बची 13 गांवों के संकरी सड़कों को जोड़ते हैं। जिन गांवों से संपर्क टूट गया है, वहां हेलीकॉप्टरों के जरिये फूड पैकेट गिराए जा रहे हैं।
गाहर, भांग्यू, रैणी पल्ली, पांग लता, सुरईहोता, तोलमा, फगरासू जैसे कई गांवों से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। चमोली जिले की डीएम स्वाती भदौरिया और पुलिस प्रमुख पी यशवंत सिंह चौहान घटनास्थल पर ही कैंप कर रहे हैं। आपदा के तहत 17 ग्राम सभाओं पर असर पड़ा है, जिनमें से 11 में आबादी है। जबकि बाकी अन्य गांवों के बाशिंदे ठंड के मौसम में निचले इलाकों में चले गए थे।
तपोवन में महत्वपूर्ण सुरंग की तस्वीरों से पता चलता है कि पूरा क्षेत्र कीचड़ और मलबे से भर गया है। एनटीपीसी के तपोवन-विष्णुगढ़ हाइडल प्रोजेक्ट और ऋषि गंगा हाइडल प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है। ये दोनों जल बिजली परियोजनाएं सैलाब की चपेट में आ गईं। रात तक करीब 170 लोग लापता बताए गए हैं। जबकि 14 शव मिलने की खबर हैं। इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल( (एनडीआरएफ) के कर्मी तपोवन की 1800 मीटर लंबी सुरंग के 150 मीटर अंदर तक पहुंच गए हैं।