डीजीपी ने जोशीमठ में डेरा डाला, गढ़वाल कमिश्नर व डीआईजी को भी कैंप करने के निर्देश

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जोशीमठ के रेणी क्षेत्र से ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न आपदा में के कारण तपोवनके आसपास राहत कार्य तेज किया जा रहा है। अभी तक आंकड़े प्राप्त हुए है,11 शव रिकवर किये जा चुके है। लापता लोगों की तलाश की जा रही है। कल मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजीपी कल से ही इस क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं। कमिश्नर गढ़वाल और डीआईजी गढ़वाल को भी आज से क्षेत्र में कैम्प करने के निर्देश दिये गये है। जिला प्रशासन की पूरी टीम कल से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिला से भी अधिकारी मौके पर भेजे गये हैं, ताकि जो शव वहां पर मिलेंगे उनका पंचनामा एवं पोस्टमार्डम जल्द हो सके।
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी, सैना, और एनडीआरएफ की टीमें कल से राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। 35 लोगों के एक सुरंग में फंसे होने की संभावना है, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। कल से ही इन लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। मौके पर पर्याप्त मानव संसाधन है, एनडीआरएफ की अन्य टीमे भी तैयार हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस घटना के कारणों का पता चल सके, इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाये, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरते जा सकें।

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