- हल्द्वानी। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल समेत तमाम संगठनों ने हल्द्वानी महानगर में बरसाती पानी के लिए नालियों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत बताई है।
जिलाधिकारी से अपील की है कि हल्द्वानी महानगर की ड्रेनेज व्यवस्था का पुनरुत्थान करा कर इनकी क्षमता को दोगुने से ज्यादा बढ़ाने की आवश्यकता है, क्योंकि बरसात के पानी को सोखने की क्षमता शहरीकरण (सिमेंट कंक्रीट) के कारण खत्म हो गई है। बरसाती पानी पूरी गति से सड़कों में बहने लगता है, जिससे सड़कों पर वाहन चलाना दुबर हो जाता है। हल्द्वानी की नालियां आज से 30-40 वर्ष पहले बनी थी तब की आबादी बहुत कम थी। वर्तमान आबादी की क्षमता के अनुरूप हमें बड़ी और गहरी नालियों का निर्माण करना होगा ताकि वेस्ट वाटर मैनेजमेंट हो सके। व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने जिलाधिकारी को इस संदर्भ में अवगत कराया गया है । इसी तरह पेयजल भी यहां की बड़ी समस्या है जमरानी बांध के बन जाने से पेयजल की समस्याओं का स्वत: ही निस्तारण हो जाता लेकिन यह परियोजना 45 बर्षों से अधर में लटकी है । बार एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष राम सिंह बसेड़ा एवं वर्तमान अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट ने भी तिकोनिया से लेकर अब्दुल्लाह बिल्डिंग बरेली रोड तक गहरी नाली बनाने की मांग रखी है। सामाजिक कार्यकर्ता मोहन सिंह बोरा व एन सी तिवारी ने कहा के हल्द्वानी में ब्रिटिश गवर्नमेंट के समय बनी भूमिगत नहर वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के लिए बहुत ही उपयुक्त थी, लेकिन हमारे जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शी नीतियों से उन्हें बंद करा दिया गया। उन्होंने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधियों ने हल्द्वानी की पेयजल योजना का सही रूप से पुनर्गठन नहीं कराया न हीं शहर के योजनाबद्ध विकास के लिए कोई कार्य योजना बनाई।हम सबने मिलकर बारह वर्षों तक हल्द्वानी पेयजल पुनर्गठन में गोला नदी के अमृतपुर क्षेत्र से पानी उठाने की बात कही थी ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके, बावजूद इसके पेयजल निगम के अधिकारियों द्वारा इस प्रस्ताव की फाइल गायब कर दी गई और पेयजल पुनर्गठन में शुद्ध पेयजल के लिए चित्रशाला घाट के नीचे से ही पानी उठाने की व्यवस्था बरकरार रखी। इन अभियानों से जुड़े नवीन वर्मा ने कहा कि हल्द्वानी की ड्रेनेज व्यवस्था यहां की मुख्य समस्या है। साथ ही शुद्ध पेयजल गोला नदी के अपर स्ट्रीम( बलिया नाले को छोड़कर )कराए,जाने के लिए हम निरंतर प्रयास करते रहेंगे।