रोडवेज कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने पर हाईकोर्ट नाराज, सचिव एमडी से कल वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश होने के निदेॅश

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नैनीताल। उत्तराखंड में रोडवेज कर्मचारियों को वेतन ना देने के मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते दे प्रदेश के सचिव वित्त, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, सचिव परिवहन समेत एमडी परिवहन को कल हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने के लिए आदेश अपने सभी से पूछा है कि आखिर रोडवेज कर्मचारियों को वेतन भत्ते समेत अन्य सुविधाएं क्यों नही दी जा रही है
उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो नियम विरुद्ध है, सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर करती आई है। सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रही है, न उनको नियमित वेतन दिया जा रहा है, उनको पिछले चार साल से ओवर टाइम भी नहीं दिया जा रहा है, रिटायर कर्मचारियों के देयकों भुगतान नहीं किया गया,यूनियन का सरकार व निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है, उसके बाद भी सरकार एस्मा लगाने को तैयार है,,, साथ ही याचिका में कहा है कि सरकार ने निगम को 45 करोड़ रुपया बकाया देना है वहीं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा भी निगम को 700 सौ करोड़ रुपया देना है,, और ना तो राज्य सरकार निगम को उनका 45 करोड़ पर दे रही है ना ही राज्य सरकार उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ रुपए मांग रही है, जिस वजह से निगम ना तो नई बसे खरीद पा रही है और ना ही बस में यात्रियों की सुविधाओं के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं दे पा रही है।

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