देहरादून। रालेगण सिद्धि में आयोजित राष्ट्रीय लोक आंदोलन न्यास के व्यापक राष्ट्रव्यापी अधिवेशन में, प्रसिद्ध समाज सुधारक अन्ना हजारे ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को अपना आशीर्वाद देते हुए युवाओं को संघर्ष के लिए प्रेरित किया। इस अधिवेशन में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, भुखमरी, शिक्षा के राष्ट्रीयकरण, किसान समस्याओं, ग्रामीण विकास, और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
अधिवेशन के दौरान उत्तराखंड से आए बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार, सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी, और संरक्षक भोपाल चौधरी ने अन्ना हजारे से मुलाकात कर राज्य में हो रहे भर्ती घोटालों और भ्रष्टाचार पर गंभीर चर्चा की।
राष्ट्रीय लोक आंदोलन न्यास के इस महत्वपूर्ण अधिवेशन में भ्रष्टाचार के खिलाफ जनसंगठनों को संगठित करने और व्यापक आंदोलन की रणनीति पर गहन चर्चा की गई। अधिवेशन का उद्घाटन अन्ना हजारे ने किया, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त भारत की अपनी दृष्टि को दोहराया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अन्य सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए देशव्यापी जनांदोलन की जरूरत है। अधिवेशन में देशभर से आए सामाजिक कार्यकर्ताओं, किसान नेताओं, और युवाओं ने हिस्सा लिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार और उनकी टीम ने इस अवसर पर अन्ना हजारे को राज्य में चल रहे भर्ती घोटालों और सरकारी भर्तियों में हो रही अनियमितताओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अन्ना को अवगत कराया कि बेरोजगार संघ पिछले 510 दिनों से अधिक समय से धरना और प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बॉबी पवार ने बताया कि किस तरह संघ के प्रवक्ता सुरेश सिंह और कुमाऊं संयोजक भूपेंद्र कोरंगा को परेड ग्राउंड में स्थित पानी की टंकी पर चढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, ताकि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे।
अन्ना हजारे ने बॉबी पवार और उनकी टीम के संघर्ष की सराहना करते हुए कहा कि युवाओं को अपने अधिकारों के लिए हर बाधा का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्य और ईमानदारी के मार्ग पर चलने वाले युवाओं को कभी हार से डरना नहीं चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मुकदमों और जेल जाने का भी डर नहीं होना चाहिए।
इस अधिवेशन में बॉबी पवार और सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी व किसन नेता भोपाल चौधरी ने अन्ना हजारे को उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति का प्रतीक ब्रह्मकमल टोपी भेंट की। अन्ना ने इसे पहनते हुए कहा, “यह टोपी पहाड़ के लोगों की ईमानदारी और सादगी का प्रतीक है। पहाड़ी लोग अपनी ईमानदारी और मेहनत के लिए जाने जाते हैं, और उनकी ईमानदारी पर किसी को संदेह नहीं करना चाहिए।” उन्होंने पहाड़ी लोगों के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सादगी और निष्ठा हर किसी के लिए प्रेरणा है।
अन्ना हजारे ने अपने गुरु मंत्र में पांच महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर जोर दिया, जो किसी भी आंदोलन की सफलता के लिए आवश्यक होते हैं: आचार शुद्ध हो,विचार शुद्ध हो, जीवन निष्कलंक हो,जीवन में त्याग हो,अपमान से विचलित न हो तो बेरोजगार संघ के सभी आंदोलन सफल होंगे।
अन्ना ने कहा कि बॉबी पवार और उनकी टीम को इन सिद्धांतों का पालन करते हुए राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संघर्ष को जारी रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उत्तराखंड के युवा इन सिद्धांतों के साथ अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाते हैं, तो वे निश्चित रूप से प्रदेश में बड़ा बदलाव लाने में सफल होंगे।
अन्ना हजारे ने इस अधिवेशन में कहा कि उत्तराखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई अब केवल राज्य का मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है। लोक आंदोलन न्यास देशभर के संघर्षशील और ईमानदार युवाओं को एकजुट कर एक बड़े आंदोलन की तैयारी में है। इसमें केंद्र बिंदु बॉबी पवार हो सकते है व किसान नेता भोपाल चौधरी और सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी को भी अहम जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं।
अन्ना ने कहा कि यह आंदोलन न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा। उन्होंने बॉबी पवार और उनकी टीम को आश्वस्त किया कि वे उत्तराखंड आकर इस आंदोलन को अपना समर्थन देंगे और इसे अंतिम परिणाम तक पहुंचाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।
इस दौरान बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार ने कहा, “अन्ना हजारे द्वारा पहाड़ियों की ईमानदारी की सराहना ने हमें और भी अधिक प्रेरित किया है। आज भी उत्तराखंड की ईमानदारी की छवि पूरे देश में जानी जाती है। अब समय आ गया है कि हम प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार हों।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग अब अन्ना के विचारों को आत्मसात कर इस आंदोलन को अगले स्तर तक ले जाने के लिए तैयार हो रहे हैं।बॉबी ने जोर देकर कहा कि अब वक्त आ गया है कि उत्तराखंड के लोग इस भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार हों और अपने प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए एकजुट होकर आगे आएं। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे हर जगह नहीं हो सकते, लेकिन उनके विचार और मार्गदर्शन हमें इस लड़ाई को अंतिम परिणाम तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त हैं।
वही टीम बॉबी पवार के सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने कहा, “रालेगण सिद्धि से अन्ना हजारे का आशीर्वाद अब उत्तराखंड के भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।”
अधिवेशन के दौरान अन्ना ने यह भी संकेत दिया कि उत्तराखंड में एक बड़े आंदोलन की शुरुआत जल्द ही होने वाली है, जिससे पूरे प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ व्यापक जनसमर्थन प्राप्त होगा।
इस कार्यक्रम में टिंकू राना, कलपी चौधरी, अरविंद पवार सहित अन्य कई प्रमुख लोग भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लिया।