उत्तराखंड में तेंदुए का आतंक: दो बच्चों को बनाया निवाला

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हल्द्वानी। कुमाऊं में वन्यजीवों का आतंक थम नहीं रहा है। तेंदुओं के हमले की घटनाओं में दो बच्चों की मौत हो गई है।

ऊधमसिंह नगर के नानकमत्ता क्षेत्र में रनसाली रेंज के प्लाट संख्या चार के समीप ग्राम बिचवा भूड़ निवासी कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा खेती-बाड़ी करते हैं। बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे उनका 13 वर्षीय बेटा गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी घर के आंगन में लगे नल में हाथ धो रहा था। तभी गन्ने के खेत से निकला तेंदुआ गोपी की गर्दन पकड़कर खींच ले गया। माता-पिता और परिजनों के शोर मचाने पर आसपास काम कर रहे ग्रामीण खेत की ओर दौड़ पड़े। इस पर तेंदुआ जंगल में भाग गया। गंभीर रूप से घायल गोपी को सितारगंज उपजिला अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

डॉ. रविंद्र सिंह ने बताया कि किशोर के गले की नलियां फट गई थीं, जिससे ज्यादा रक्त बह गया। घटना से मां मनजीत कौर, छोटे भाई अर्शदीप सिंह व लवप्रीत सिंह व अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। गोपी ग्राम बिचवा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा छह का छात्र था। उसके दोनों छोटे भाई हर्षदीप व लवप्रीत भी इसी विद्यालय में पढ़ते हैं। बृहस्पतिवार को वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में अवकाश के चलते तीनों भाई घर पर ही थे।
इधर, बागेश्वर जिले की कांडा तहसील धरमघर वन रेंज के औलानी गांव निवासी रवि उप्रेती की तीन वर्षीय बेटी योगिता उर्फ भूमिका बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे अपनी दादी कला उप्रेती के साथ खेल रही थी। साथ ही उसका छोटा भाई शौर्य भी था। तभी तेंदुए ने हमला कर दिया और योगिता को उठा ले गया। परिजन और ग्रामीणों शोर मचाते हुए दौड़े तो तेंदुआ बच्ची को कुछ दूरी पर छोड़कर जंगल की ओर भाग गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। ग्राम प्रधान गीता देवी ने बताया कि तेंदुए ने मासूम के गले व सिर पर गहरे जख्म कर दिए थे। ग्रामीणों ने तेंदुए को जल्द पकड़ने की मांग की है।

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