हरिद्वार। हरिद्वार के रोशनाबाद जेल से फरार कैदी-बंदी की मदद करने के मामले में पुलिस ने शूटर पंकज के ताऊ के पुत्र और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है। दोनों ने मोटरसाइकिल से छोड़ने के साथ ही रकम अकाउंट में ट्रांसफर करवाने के बाद पंकज को दी थी। पुलिस ने एक टेलीकॉम संचालक को भी चिह्नित कर लिया है। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है, जबकि एक आरोपी को मदद करने के आरोप में पहले ही जेल भेजा जा चुका है। 50-50 हजार के इनामी कैदियों की तलाश में 10 टीमें दबिशें दे रही हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि 11 अक्तूबर को जिला कारागार रोशनाबाद में रामलीला के दौरान कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग का गुर्गा पंकज और एवं विचाराधीन बंदी राजकुमार सीढ़ी के जरिए दीवार फांदकर फरार हो गया था। आरोपियों की तलाश में 10 टीमें लगी हैं। आईजी गढ़वाल रेंज करन सिंह नगन्याल की ओर से दोनों फरार कैदियों पर 50-50 हजार का ईनाम घोषित किया गया है। पुलिस टीमें साक्ष्य जुटाने की लगी हैं।
एसएसपी ने बताया कि कैदी पंकज और रामकुमार जेल से भागने के बाद रानीपुर की लेबर कॉलोनी में पहुंचे थे। जहां पंकज के मौसेरे भाई सुनील ने मदद की थी, उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। दोनों आरोपी इस्माइलपुर लक्सर गए थे। जहां शूटर पंकज अपने ताऊ सुखपाल के घर पहुंचा था। इसके बाद ताऊ का बेटा बॉबी अपने दोस्त नितिन के साथ दोनों को मोटरसाइकिल पर लेकर लक्सर छोड़ने गया था।
शूटर पंकज ने अपने एक परिचित से नितिन के भारत पे अकाउंट पर 1500 रुपये मंगवाए थे। ये पैसे एक टेलीकॉम मालिक के नंबर पर ट्रांसफर कर वहां से नगदी लेकर कैदी पंकज को दी थी। बताया कि एसओ सिडकुल मनोहर सिंह भंडारी ने कांस्टेबल विजय नेगी सिंह, ललित बोरा के साथ दोनों आरोपियों को सुल्तानपुर लक्सर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। फरार करने में इस्तेमाल बाइक और मोबाइल फोन कब्जे में ले लिया है।
टेलीकॉम मालिक को भी चिह्नित कर लिया गया है। बता दें कि रुड़की के बहुचर्चित सफाई नायक बसंत चौधरी हत्याकांड को अंजाम देने के आरोपी शूटर को पिछले साल ही उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। दूसरा आरोपी रामकुमार अगस्त में ही अपहरण कर फिरौती वसूलने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।