दिल्ली । सीरम इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ को ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन ने मंजूरी दे दी है जिसके बाद वहां इसकी खुराक लेने वालों पर से यात्रा प्रतिबंध हटा दिया गया है। इसके अलावा स्विट्जरलैंड और एस्टोनिया ने भी इसके लिए हरी झंडी दिखाई है। एस्टोनिया ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा अधिकृत सभी कोरोना वैक्सीन को यह मंजूरी देगा।
कोरोना महामारी से बचाव के क्रम में वैक्सीन कोविशील्ड को स्वीट्जरलैंड ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद कोविशील्ड की खुराक स्विटजरलैंड जाने वालों के लिए ग्रीन पास दिलाने में मददगार साबित हो सकती है। इससे पहले भारत की ओर से यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से कोविशील्ड और कोवैक्सीन को ‘ग्रीन पास स्कीम’ के अंतर्गत लाने का आग्रह किया था। साथ ही यह भी कहा थी कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वहां से भारत आने वाले नागरिकों के लिए क्वारंटीन अनिवार्य किया जाएगा। भारत ने यह भी कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन की खुराक लेने वाले भारतीयों को यूरोप में प्रवेश की इजाजत दी जाए।
वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने बुधवार को कहा कि कंपनी को एक महीने के भीतर ही कोविशील्ड के लिए यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) से मंजूरी मिलने का विश्वास है। पूनावाला ने यह भी कहा कि वैक्सीन पासपोर्ट का मुद्दा देशों के बीच परस्पर आधार पर होना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, कोविन पोर्टल के जरिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का सत्यापन किया जा सकता है। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को यह भी बताया गया है कि भारत भी ईयू डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र की मान्यता के लिए ऐसी ही पारस्परिक विनिमय वाली नीति बनाएगा। भारत में आशंका रही है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवाने वाले लोग यूरोपीय संघ की ‘ग्रीन पास’ योजना के तहत उसके सदस्य देशों की यात्रा के लिए पात्र नहीं होंगे।