देहरादून। चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आइटीबीपी, एसडीआरएफ, सेना, जिला प्रशासन की टीम आपरेशन में जुटी हैं। इस बीच टनल से एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया है। दूसरी ओर प्रभावित क्षेत्र ऋषिगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट में चार और शव बरामद हुए हैं, जिसके बाद मृतकों की संख्या 31 हो गई है। इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और हालातों का जायजा ले रहे हैं।
तपोवन स्थित टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए आज टनल में दाखिल होने के लिए तीसरा रास्ता तलाशा जा सकता है। टनल के मुख्य द्वार से मलबा हटाने में देरी होने के बाद अब बीच से रास्ता ढूंढने की कोशिश की जा रही है। पहले एसडीआरएफ या एनडीआरएफ का जवान टनल में उतारा जाएगा, जो अंदर की स्थिति का जायजा लेंगे।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि करीब ढाई किलोमीटर लंबी टनल में अब तक डेढ़ सौ मीटर तक ही मलबा साफ हो पाया है। टनल में एक ही मशीन काम करने के कारण मुश्किलें सामने आ रही हैं, जबकि 180 मीटर पर एक राइट बैंड भी है। डीजीपी ने बताया कि अब तक 31 शव बरामद हो चुके हैं, इनमें दो पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आपदा के कारण 13 गांव का संपर्क कट गया है, जहां रोप-वे के सहारे सुरक्षाकर्मी और बाहर फंसे ग्रामीणों को राशन भी पहुंचाया जाएगा।