** जगमोहन रौतेला
लालकुँआ ( हल्द्वानी)। भाकपा माले के पूर्व महासचिव कॉमरेड विनोद मिश्रा के 26वें स्मृति दिवस पर पार्टी ऑफिस दीपक बोस भवन कार रोड बिंदुखत्ता में संकल्प दिवस का आयोजन किया गया। भाकपा(माले) द्वारा इस अवसर पर कामरेड विनोद मिश्र और आंदोलन और पार्टी संगठन में शामिल होने वाले सभी साथियों को क्रांतिकारी अभिवादन के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई। भाकपा(माले) को अपने प्यारे देश के हर कोने में गहराई तक ले जाने और इसे और अधिक मजबूत, जीवंत और गतिशील बनाकर आधुनिक भारत की क्रांतिकारी यात्रा को आगे बढ़ाया जा सकता है। यही कॉमरेड वीएम और भाकपा(माले) तथा भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के दिवंगत नेताओं और शहीदों को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
भाकपा माले के वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, इतिहास में बड़े-बड़े सवाल हमेशा सड़कों की लड़ाइयों से हल होते हैं। यह बात कॉमरेड विनोद मिश्रा ने दिसंबर 1998 में पार्टी की सेंट्रल कमिटी को अपने अंतिम नोट में याद दिलाई थी। उन्होंने युवा कम्युनिस्टों से अपील की थी कि वे चौतरफा पहल करें और उस फासीवादी खतरे के खिलाफ लड़ाई तेज करें, जो तब अपना सिर उठाना शुरू कर चुका था। क्रांतिकारी मार्क्सवाद के लाल झंडे को मजबूती से बुलंद करने वाली एक मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी, ग्रामीण गरीबों का शक्तिशाली आंदोलन, और भगवा साजिश के खिलाफ हर क्षेत्र में पहल – इन तीन प्रमुख चुनौतियों को कॉमरेड वीएम ने अपने अंतिम नोट में रेखांकित किया था. आज, जब हम कॉमरेड वीएम की 26वां स्मृति दिवस मना रहे हैं, तो उनकी बातें पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक लगती हैं।
माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, मोदी सरकार को सत्ता में आए अब एक दशक से अधिक समय हो चुका है। सरकार के फासीवादी एजेंडे का पर्दाफाश हो चुका है और विभिन्न मोर्चों पर प्रतिरोध भी बढ़ रहा है। यह स्पष्ट है कि फासीवादी हमले को रोकने के लिए हमें लंबे समय तक चलने वाले और मजबूत जन—आंदोलनों की जरूरत है। फासीवादी अपनी ताकत साम्प्रदायिक नफरत और ध्रुवीकरण, जाति और लैंगिक उत्पीड़न, और कॉर्पोरेट ताकत के पूर्ण समर्थन से हासिल करते हैं। इसलिए, फासीवाद का मुकाबला करने के लिए हमें सांप्रदायिकता, जातिवाद और कॉरपोरेट ताकत के खिलाफ प्रतिरोध को और भी व्यापक और धारदार बनाना होगा।
कॉमरेड वीएम की 26वें स्मृति दिवस पर कम्युनिस्ट आंदोलन के गौरवशाली इतिहास और विरासत को स्मरण करने के साथ-साथ फासीवाद को पराजित करने और आधुनिक भारत को समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के संवैधानिक लक्ष्य की ओर ले चलने के लिए उनकी प्रिय पार्टी भाकपा माले को हर तरह से मजबूत करने का संकल्प लिया गया ताकि आज की चुनौतियों का सामना किया जा सके।
इस अवसर पर भाकपा माले के वरिष्ठ नेता आनन्द सिंह नेगी, पुष्कर दुबड़िया, विमला रौथाण, भुवन जोशी, चन्दन राम, कमल जोशी, धीरज कुमार, नैन सिंह कोरंगा, गोविन्द सिंह जीना,किशन सिंह बघरी, बिशन दत्त जोशी, ललित जोशी, आनंद दानू, निर्मला शाही, त्रिलोक राम, प्रोनोबेस करमाकर आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।