देहरादून। पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया देहरादून चैप्टर की ओर से साइबर क्राइम और ‘मिस इन्फोर्मेशन : चुनौतियां और समाधान’ विषय पर राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। विशेषज्ञों ने साइबर अपराध से बचने और सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं को शेयर करने से पहले विचार करने पर जोर दिया।
सहस्रधारा रोड स्थित एक होटल में मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक सूचना विभाग डा. नितिन उपाध्याय ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि थिंक बिफोर यू शेयर के साथ-साथ थिंक बिफोर यू केयर महत्वपूर्ण है। उन्होंने ‘एएए’ प्लान पर जोर दिया। इसका मतलब अवेयरनेस यानी जागरूकता, एडवोकेसी यानी सही नीतियों, नियम कानून के लिए बात उठाना और एक्शन यानी सही जानकारी देकर मिस इन्फॉरमेशन को खत्म करना शामिल है। सहायक प्रबंधक कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन टीएचडीसी ईशान भूषण ने कहा कि स्मार्टफोन आज सभी के पास है। हम जो भी बोलते हैं, सर्च करते हैं, उस पर नजर रहती है।
मौके पर पीआरएसआई देहरादून के अध्यक्ष रवि बिजारनियां, उपाध्यक्ष डॉ. अमरनाथ त्रिपाठी, सचिव अनिल सती आदि मौजूद रहे।
उप पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम स्टेशन अंकुश मिश्रा ने कहा कि 1930 भारत में राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन का टोल-फ्री नंबर है। जिसके माध्यम से नागरिक ऑनलाइन साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह सेवा 24 घंटे चलती है। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि डीप फेक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर नकली वीडियो और ऑडियो तैयार किए जाते हैं। पेंशन धारकों को फर्जी कॉल्स और मैसेज भेजकर ठगी के मामले देखने को मिल रहे हैं।