देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ ने विदेशों में अध्ययनरत छात्रों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का भण्डाफोड़ किया है। एसटीएफ ने अभियुक्तों को थाना क्लेमेन्टाउन क्षेत्र से गिरप्तार किया है।
थाना क्लेमेन्टाउन क्षेत्र में कैफे के नाम पर चलाया जाता था। ऑन लाइन ठगी का करोबार, प्राप्त बैंक एकाउन्टसं में एक माह में करोडों रूपयें का लेन देन का विवरण प्राप्त। गिरप्तार किये गये अभियुक्तों से 1,50,000 रूपये, 01 एचपी कम्पनी का लैपटाप, 07 मोबाईल फोन मय 14 सिम कार्ड , 03 अदद प्रयोग किये गये सिम के खाली रैपर, 02 प्री एक्टिवेटिड सिम, 37 भिन्न भिन्न बैंक डेबिट/क्रेडिट कार्ड, बैंक पासबुक,चैक बुक, 01 हिसाब की डायरी बरामद की।
साइबर ठगी के इस गिरोह में अन्य सदस्यों पर कार्यवाही करने को लेकर एसटीएफ देश के अन्य राज्यों से सूचनाओं को साझा करेगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर द्वारा इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय पूर्व आई4सी के पोर्टल पर एक शिकायत मिली थी कि अमेरिका में अध्ययनरत तमिलनाडू के एक छात्र के साथ रुपए के बदले डॉलर देने के मामले में उससे 70 हजार की धोखाधड़ी की गई है। जिसकी शिकायत उस छात्र के भारतीय परिजनों द्वारा डायल 1930 साईबर पोर्टल पर दर्ज कराई गई। जिसका संज्ञान उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा लिया गया और उस छात्र से अमेरिका में सम्पर्क साधा गया तो उस छात्र द्वारा बताया गया कि उसको अमेरिका में किसी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से एक नंबर प्राप्त हुआ था जिसने उसे बताया था कि वह भारतीय रुपयों को आसानी से ऑनलाइन ही डॉलर में उपलब्ध करा सकता है, इस पर साइबर ठग द्वारा पहले 01 डॉलर की धनराशि को उस छात्र के अमेरिका के खाते में आसानी से जमा कर दिया, जिससे उसे यकीन हो गया कि रुपए के बदले डॉलर आसानी से ऑनलाइन मिल जाएंगे । इस पर उस छात्र द्वारा 70,000 रुपए की धनराशि को डॉलर में उपलब्ध कराने के लिये साईबर ठग को ऑनलाइन दिया गया तो कोई भी धनराशि डॉलर में उसे प्राप्त नहीं हुईं और साइबर ठग द्वारा द्वारा अपना फोन बंद कर दिया गया। इस शिकायत का संज्ञान लेकर एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा अपनी टीम को इस मामले की जांच करने निर्देश दिये गये और इस शिकायत की जांच शुरू की गयी तो इस जांच के दौरान प्रकाश में आये विभिन्न मोबाईल नम्बरों के डेटा का विष्लेशण और प्रकाश में आये संदिग्ध बैंक एकाउंटस के लेन देन का विवरण चैक किया गया तो पाया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में देशभर के अन्य राज्यों से अलग अलग लोंगो के बैंक एकाउन्ट से पैसा गिरोह के खातो में निरन्तर स्थानान्तरित किया जा रहा था। एक ही खाते में एक माह में करीब 35 करोड़ रूपये का लेन देन पाया गया।प्रथम दृष्टया एसटीएफ को बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खोले गये 06 बैंक खातों की जानकारी प्राप्त हुयी, जिन पर एसटीएफ द्वारा अपनी जांच को केन्द्रित किया गया और जांच से प्रकाश में आया कि इस गिरोह के कुछ सदस्य देहरादून के थाना क्लेमेन्टाउन क्षेत्र में सक्रिय हैं। जिस पर एसटीएफ द्वारा गिरोह के सदस्यों की जानकारी करने के लिये स्थानीय स्तर पर गोपनीय जानकारी जुटायी गयी तो पता चला कि थाना क्लेमटाउन क्षेत्र में होम मेड किचन के नाम के रेस्टोरेन्ट में यह गिरोह सक्रिय रहकर काम करता है। जिस पर एसटीएफ की टीम द्वारा छापा मारकर 02 अभियुक्तों को गिरप्तार किया गया है उनसे 1,50,000 रूपये, 01 एचपी कम्पनी का लैपटाप, 07 मोबाईल फोन मय 14 सिम कार्ड , 03 अदद प्रयोग किये गये सिम के खाली रैपर, 02 प्री एक्टिवेटिड सिम, 37 भिन्न भिन्न बैंक डेबिट/क्रेडिट कार्ड, बैंक पासबुक,चैक बुक, 01 हिसाब की डायरी बरामद की गयी है। अब तक कितने लोगों के साथ इस प्रकार की धोखाधड़ी की गयी है इसकी जानकारी के लिये एसटीएफ की टीम द्वारा आगे की जानकारी जुटायी जा रही है।
गिरप्तार किये गये अभियुक्तों में
दिपांशू सिंह गुरू पुत्र श्री बलजीत सिंह गुरू, निवासी डीएल रोड, रिस्पना, देहरादून उम्र 23 वर्ष,
सौरभ कुमार पुत्र सुरेष कुमार निवासी धरतवाला, निकट सैन्टरल बैंक आफ इण्डिया पण्डितवाडी, प्रेम नगर देहरादून उम्र 27 वर्ष शामिल हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर द्वारा मामले में अभियुक्तों से पूछताछ की जानकारी दी गयी कि पकड़े गये अभियुक्त दीपांशू सिंह गुरू द्वारा बताया गया कि उसे 6-7 महीने सौरभ कुमार रेस्टोरेन्ट में ही मिला था जिसने उसे बताया कि तुम किसी बैंक के किसी भी व्यक्ति के सेविंग/करन्ट एकाउन्ट के साथ मोबाईल नम्बर को उपलब्ध कराओगें तो तुम्हे 01 सेविंग एकाउन्ट के बदले 20 से 25 हजार तक तथा करन्ट एकाउन्ट के बदले 40 से 50 हजार रूपये तक मिल जायेंगे। जिस पर उसे लालच आ गया और उसके द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र, शिवालिक बैंक, कर्नाटक बैंक, आईडीएफसी बैंक,कोटक बैंक, यूको बैंक, फेडरल बैंक आदि निजी बैंकों में जाकर करीब 40 से 50 सेविंग और करेंट खाते खोले गये। जो कि उसके द्वारा कुछ अपने परिचितो के तथा कुछ अपने स्तर पर मजदूरी करने वाले व्यक्तियोें के 2000 से 3000 रूपये का लालच देकर खोले गये और उनके सारे दस्तावेज सौरभ कुमार को उपलब्ध कराये गये और बदले में 08 से 10 रुपए तक कमाए गए। इसी प्रकार सौरभ कुमार द्वारा अन्य लोगों के दस्तावेजों के साथ सेविंग और करन्ट खाते खुलवाये गये। करन्ट एकाउन्ट में लेन देन की सीमा 01 करोड़ रूपये से अधिक करायी गयी। करन्ट एकाउन्ट खोलने के लिये फर्जी फर्म की मोहरो का प्रयोग किया गया जिसमें अभियुक्तों से AB PACKAGING CENTER, LADIES BOUTIQE, SHRI KRISHNA ONLINE STORE AB PACKAGING CENTER , LADIES BOUTIQE , SHRI KRISHNA ONLINE STORE के नाम से 03 फर्मो की मोहरे बरामद की गयी हैं। अभियुक्तों द्वारा इस बैंक खातों को कोरियर के माध्यम से मुम्बई और गुजरात के पतों में भेजा जाता था, जहां से यह पूरा नेटवर्क चलाया जा रहा है। जिन पर आगे की कार्यवाही की जायेगी।
जांच एवं गिरप्तारी करने वाली एसटीएफ टीम में निरीक्षक नन्दकिशोर भट्ट, उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, अपर उपनिरीक्षक देवेन्द्र भारती, हेड कांस्टेबल देवेन्द्र मंमगाई
प्रमोद कुमार, संदेश यादव, रवि पंत, कांस्टेबल दीपक चन्दोला, कादर खान, शैलेश भट्ट शामिल थे।