हेलिकॉप्टर हादसा: बेटी की डोली उठने से पहले हो गई विक्रम की मौत

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रुद्रप्रयाग। मद्महेश्वर घाटी के रांसी गांव निवासी व श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में कार्यरत विक्रम सिंह रावत की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। वह बीते 15 वर्षों से बीकेटीसी में कार्यरत थे और रविवार को सुबह अपने गांव लौटने के लिए केदारनाथ धाम से हेलिकॉप्टर में सवार हुए थे।

विक्रम रावत अपने पीछे पत्नी, तीन बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ गए हैं। गांव के निवर्तमान ग्राम प्रधान कुंती देवी ने बताया कि विक्रम की बड़ी पुत्री का विवाह नवंबर में होना है और वह तैयारियों में जुटे थे। इसीलिए वह केदारनाथ से घर लौट रहे थे, पर दुर्घटना में उनकी अकाल मौत हो गई। हादसे की खबर से गांव सहित पूरी घाटी में मातम पसरा हुआ है।

विक्रम रावत की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। बूढ़े माता-पिता अपने बेटे को याद कर बिलख रहे हैं। ग्रामीण रणजीत सिंह सहित अन्य लोग दुर्घटनास्थल पर पहुंच गये थे। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के भीतर गांव में यह दूसरी बड़ी घटना है। बीते 10 जून को गांव के दो युवकों की मोटरसाइकिल हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है, जिससे पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। अब इस घटना ने ग्रामीणों को फिर झकझोर दिया है। केदारनाथ विस क्षेत्र की विधायक आशा नौटियाल, बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, दायित्वधारी चंडी प्रसाद भट्ट, पूर्व विधायक मनोज रावत, पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भट्ट सहित अन्य ने दुर्घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है।
रविवार को विक्रम सिंह रावत का पहले हेलिकॉप्टर का टिकट नहीं था। उन्हें घर जाना था तो मौके पर ही उनका टिकट बना और वह हेलिकाॅप्टर में सवार हो गये, लेकिन उनका सफर पूरा नहीं हो सका।

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