अल्मोड़ा। छत्तीसगढ़ के बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद देशभर में पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। इस जघन्य हत्याकांड के विरोधमें जिला मुख्यालय में पत्रकारों ने पैदल मार्च निकाला। मुकेश चंद्राकर के दोषियों को फांसी देने और पीड़ित परिवार लिए आर्थिक व कानूनी मदद की मांग जोर शोर के साथ उठाई गई। साथ ही देशभर में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की गई।
प्रेस क्लब के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में अलग अलग संगठनों से जुड़े पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। सभी पत्रकार शिखर शहीद पार्क में एकत्रित हुए। जिसके बाद शहीद पार्क से चौघानपाटा गांधी पार्क तक विरोध मार्च निकाला गया।
यहां आयोजित संक्षिप्त सभा में वरिष्ठ पत्रकार पीसी तिवारी ने कहा, पत्रकार पर खतरा लोकतंत्र की अभिव्यक्ति पर खतरा है। सच दिखाने, लिखने वाले पत्रकारों पर झूठे मुकदमे लिखे जाते है उनका उत्पीड़न किया जाता है। बढ़ती बेरोजगारी व सामाजिक टकराव में परिस्थितियां और गंभीर हो रही है। पत्रकारों की सुरक्षा का सवाल आज गंभीर सवाल बन गया है। कई पत्रकार विषम परिस्थितियों में जान जोखिम में डालकर सरकार, नेताओं, ठेकेदारों और अराजकतत्वों के काले कारनामे जनता के सामने रख रहे हैं। ऐसे पत्रकारों पर जानलेवा हमले होना निंदनीय है।
पत्रकारों की ओर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सीजेआई को संबोधित ज्ञापन में दिवंगत मुकेश चंद्राकर
पत्रकारों की समुचित सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून बनाने की मांग की है।