गिरीश जोशी
हल्द्वानी। नैनीताल-उधमसिंहनगर सांसद अजय भट्ट को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किए जाने के बाद अब उनके सामने राज्य के लिए कुछ कर दिखाने की चुनौती होगी। नेपाल और चीन की सीमा से लगी उत्तराखंड के लोगों को जहां रोजगार की जरूरत है, देश की सुरक्षा के लिए सीमांत में सङकों का जाल बिछाना और परिवहन व्यवस्था मजबूत करना भी एक चुनौती है। रक्षा राज्य मंत्री व पर्यटन जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिलने के बाद चौपट हो चुके पर्यटन व्यवसाय को पुनर्जीवित करना भी उनका लक्ष्य होगा।
पिथौरागढ, उत्तरकाशी, चमोली और चंपावत जिलों का बङा हिस्सा नेपाल और चीन से मिलता है। यहां सङक और संचार का आज भी अभाव है। यही कारण है कि यहां से भारी पलायन हुआ है। सीमांत के गांव खाली हो रहे है। रक्षा मंत्री जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिलने के बाद अब सीमा कै गांवों को सङक से जोड़कर उन्हें बिजली, पानी और संचार व्यवस्था से जोडना होगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाकर उन्हें सीमा के गांवों में रोके रखना भी बङी चुनौती है। बता सवाल यह है कि भारतीय सीमा से लगे नेपाल में चीन के सहयोग से हाईवे बन चुके है। चीन भारतीय सीमा लक्ष्य तक रेल लाइन पहुंचा रहा है। आज भी इस सीमांत में भारतीय लोग चीन को मोबाइल सेवा का लाभ उठा रहे है।
पहली बार सांसद बने भट्ट को पीएम मोदी की कैबिनेट में जगह मिलने के बाद उत्तराखंडवासियों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य, बिजली,पानी, सड़क, शिक्षा आदि पर फोकस करने के साथ ही भट्ट को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी विशेष ध्यान देना होगा। प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को पहले से ज्यादा बेहतर करने के लिए भट्ट को विशेष रणनीति बनाकर कार्य करना होगा। भट्ट को ऐसे वक्त पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अब उन्हें कम समय में अच्छा प्रदर्शन कर उल्लेखनीय कार्य करके दिखाने होंगे।
अजय भट्ट पर न केवल अपने विभागों की अहम योजनाओं का लाभ राज्य को देने का दबाव रहेगा बल्कि राज्य से जुड़े मुद्दों की पैरवी केंद्र में मजबूती के साथ करने का दबाव भी उन पर रहेगा। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने कुमाऊं में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए भट्ट को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसीलिए भट्ट को भी पार्टी व केंद्र की उम्मीदों पर खरा उतरकर दिखाना होगा। अजय भट्ट ने लोकसभा चुनाव जीतने से पहले राज्य में प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष की भूमिका को बखूबी निभाया था और अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद पार्टी व राज्य के लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को ड्राप करने के बाद लिया गया है इसलिए निशंक के कामकाज से भी देर सबेर उनके कामकाज की तुलना की जाएगी।
मोदी मंत्रीमंडल में नैनीताल- यूएसनगर के सांसद अजय भट्ट को शामिल कर, भाजपा आलाकमान ने एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार कुमांऊ मंडल को शानदार तोहफा दिया है। इसे विधानसभा चुनाव से पहले कुमांऊ मंडल में पार्टी की किलेबंदी को मजबूत करने के रूप में भी देखा जा रहा है। गत सप्ताह ही पार्टी ने कुमाऊं में खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी को राज्य में मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी है। धामी मूल रूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। अब पार्टी ने केंद्रीय मंत्रीमंडल में भी सांसद अजय भट्ट को मौका दे दिया है। अजय भट्ट भी सांसद तो नैनीताल – यूएसनगर जिले से हैं। लेकिन मूलरूप से वो भी अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं। कुमाऊं में पहाड़ से लेकर तराई तक पार्टी को मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी की यह तैयारी, कांग्रेस नेता पूर्व सीएम हरीश रावत को उनके घर में ही घेरने के रूप में भी देखी जा रही है। हरीश रावत भले ही 2009 लोकसभा चुनाव हरिद्वार से जीते हों लेकिन उनका मूल जिला अल्मोड़ा ही है। पिछला लोकसभा चुनाव भी उन्होंने नैनीताल यूएसनगर से अजय भट्ट के सामने ही लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। भट्ट की ताजपोशी के साथ अब यूएसनगर जिला अब प्रदेश की सियासत में खासा अहम हो गया है। इस वक्त सीएम और केंद्रीय मंत्री दोनों यूएसनगर जिले से ही निर्वाचित हुए हैं। जबकि पहले पावर सेंटर का यह तमगा पौड़ी जिले के पास था।