रुद्रपुर। फर्जी शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर 15 साल से नौकरी कर रहे सहायक अध्यापक को बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षक का बीएड का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया। डीईओ ने शिक्षा अधिकारी सितारगंज को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के बीएड प्रमाणपत्र-2005 के आधार पर आरोपी रामशब्द को वर्ष 2009 में सहायक अध्यापक पद पर तैनाती मिली थी। वर्तमान में वह राजकीय प्राथमिक विद्यालय पंडरी सितारगंज में तैनात थे।
अभिलेखों के सत्यापन में इनके बीएड 2009 में मिली थी नियुक्ति मुकदमा भी दर्ज होगा प्रमाणपत्र पर संदेह हुआ। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन गोरखपुर से पुष्टि कराई गई तो पता चला कि संबंधित प्रमाणपत्र का अनुक्रमांक वर्ष 2005 में किसी छात्र को आवंटित ही नहीं किया गया। इस पर शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापक को नोटिस जारी कर कई बार अपना पक्ष रखने को कहा, लेकिन वह अपना पक्ष नहीं रख सके। अब डीईओ हरेंद्र कुमार मिश्र ने सहायक अध्यापक रामशब्द को सेवा से बर्खास्त कर दिया।