पिथौरागढ के प्रेक्षागृह में अब नहीं दिखेगी सोर की संस्कृति, पीवीआर व बार खोलने की तैयारी

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पिथौरागढ़। पिथौरागढ में करोड़ो रुपए की लागत से बनाए गए राजकीय प्रेक्षागृह में अब सांस्कृतिक कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रम नहीं होंगे। अब यहां फिल्म दिखने के लिए पीवीआर और मनोरंजन करने के लिए बार बनाया जा रहा है।
यह आरोप है आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुशील खत्री का। श्री खत्री ने बताया कि संस्कृति के विकास के लिए राजकीय संग्रहालय एवं ऑडिटोरियम को बनाया गया था । इसमें नियम विरुद्ध हो रहे कार्यों पर रोक लगाने और आवंटन की जांच उच्च न्यायालय के सीटिंग न्यायाधीश से कराने की मांग को लेकर स्थानीय युवा मुखर हो गए हैं।
जिला अधिकारी को दिए ज्ञापन में युवा सुशील खत्री ने मांग करते हुए कहा कि जिले के सोर, गंगा वली, नागवंशी, शोका, र जनजाति , वन राजी जनजाति असकोटिया सहित विभिन्न संस्कृतियों के संरक्षण व विकास के लिए संग्रहालय एवं ऑडिटोरियम का निर्माण किया किया गया था। जिसे आज शराब का बार बनाने पर एक चिंतनशील समाज के लिए कचोटने वाला प्रसंग है।
उन्होंने संग्रहालय एवं ऑडिटोरियम में अवैध निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। कहा है कि संस्कृति की रक्षा का दावा करने वाली सरकार के कुछ लोग सीमांत की संस्कृति को ही मिटाने पर तुली है। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में यहां की संस्कृति को बचाने के लिए सहयोग देने का अनुरोध किया है। कहा कि आवंटन की जिला स्तरीय समिति बनाकर जांच उच्च न्यायालय नैनीताल के सीटिंग न्यायाधीश से कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि आवंटन को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए शासन और सरकार से न्याय किए जाने की उम्मीद नहीं है।
खत्री ने जिलाधिकारी से एक सप्ताह में उत्तर ना मिलने पर जनहित में सक्षम न्यायालय में वाद दायर करने की बात कही। कहा कि इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

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