कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के जनसुनवाई में उठा मुद्दा: 220 लोगों को बेच दी सीलिंग की जमीन, आयुक्त ने लैण्डफ्राड एक्ट में कानूनी कार्रवाई के दिए निर्देश

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हल्द्वानी। कुमाऊं आयुक्त व सचिव मुख्यमंत्री, दीपक रावत ने सोमवार को जनसुनवाई कर मौके पर शिकायतों का समाधान किया। जन शिकायतों में अधिकांश शिकायतें, भूमि विवाद, पारिवारिक विवाद व अतिक्रमण, सड़क, लोन आदि से सम्बन्धित आई।
कैंप कार्यालय में हुई जनसुनवाई में काशीपुर, सीतारामपुर लोगों ने बताया कि उन्होंने महेश शर्मा एवं बिल्डर्स से 220 लोगों ने वर्ष 2012 में प्लाट खरीदे, लेकिन भूमि सीलिंग की होने के कारण दाखिल खारिज नही हो पाया। आयुक्त ने उक्त भूमि की जांच हेतु जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को निर्देश दिये और कहा कि सीलिंग की भूमि बेचने पर जांच में तथ्य सही साबित होने पर सम्बन्धित के खिलाफ लैण्डफ्राड एक्ट में कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
आयुक्त ने कहा कि भूमि क्रय करने से पूर्व भूमि की सभी जानकारियां प्राप्त कर लें कि भूमि में किसी प्रकार का लोन व मुकदमा तो नहीं है तथा खतौनी के साथ ही स्थलीय निरीक्षण करें। मौके पर भूमि है या नही इसकी भी जांच राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षण आदि से अवश्य करा लेें ताकि भविष्य में होेने वाली परेशानियों से बचा जा सकेगा।*
जनसुनवाई में हल्द्वानी निवासी जगमोहन ने बताया कि उनका होलसेल का टॉफियों का कारोबार है हल्द्वानी निवासी मो0 दानियाल ने उनसे सामग्री समय-समय पर लेते रहे सामग्री की कुल राशि 7 लाख 42 हजार हो गई है, मो0 दानियाल द्वारा आज तक धनराशि वापस नही की है। जिस पर आयुक्त ने दानियाल को एक माह के भीतर धनराशि वापस करने के निर्देश दिये। उन्हांेने कहा समय के भीतर धनराशि वापस नही करने पर कार्यवाही की जायेगी।


विगत दिनों की जनसुनवाई में सेना के सिपाही सुन्दर सिंह ने बताया कि उन्हांेने हल्द्वानी कठघरिया में 13 लाख में प्लाट क्रय किया था लेकिन भूस्वामी मनोज सिंह ने ना ही प्लाट दिया और ना ही धनराशि दी। आयुक्त ने जनसुनवाई में धनराशि वापस कराने के निर्देश दिये थे। जिसके क्रम में सिपाही सुन्दर सिंह ने बताया कि उनको 4.5 लाख की धनराशि वापस कर दी है आयुक्त ने मनोज सिंह कोे शेष राशि वापस दिलाने के निर्देश दिये। जिस पर सिपाही सुन्दर सिंह ने धनराशि वापस दिलाने पर आयुक्त का आभार व्यक्त किया।
जयनगर रूद्रपुर के 6 लोगों ने बताया कि उन्होंने कोलोनाइजर से भूमि क्रय की थी, जमीन की रजिस्ट्री हो गई है लेकिन दाखिल खारिज पारिवारिक विवाद के कारण नही हुआ है। जिस पर आयुक्त ने तहसीलदार को जांच के आदेश दिये तथा आने वाली जनसुनवाई में सभी पक्षों को बुलाने केे निर्देश दिये। आयुक्त द्वारा जनसुनवाई में अधिकांश समस्याओं का मौके पर निदान किया।

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