टनल में फॅसे कामिॅकों के परिजन सुध न लेने से नाराज, तपोवन में की नारेबाजी

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जोशीमठ। टनल में फॅसे कार्मिकों के परिजनों का सब्र का बाॅध टूटा। टनल साइट पर एनटीपीसी व उत्तराखंड सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी हुई। नेताओं के साइट पर आने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।
करीब सौ घंटे से टनल मे फॅसे परिजनों की कोई सुध नहीं लिए जाने पर बुधबार को परिजनों के सब्र का बाॅध टूट गया। ढाक, तपोवन, करछौ, किमाणा आदि स्थानीय गाॅवों के ग्रामीणों ने वैराज साइट पर जोरदार नारेबाजी की। परिजनों का कहना था कि रविवार से टनल के अंदर 35 लोग फॅसे हैं, जिनको निकालने के लिए वैकल्पिक ब्यवस्था की जाना चाहिए। तीन दिनों से एक डोजर मलबा हटा रहा है, लेकिन तीन दिन में 180 मीटर तक नहीं पहुंच पाए। परिजनों का यह भी कहना था कि अनावश्यक नेताआंे के आगमन से भी राहत एवं बचाव कार्यों में व्यवधान हो रहा है। इन पर रोक लगनी चाहिए।
इस हादसे में टनल में जो 35लोग फंसे हं,ै उनमंे तपोवन, ढाक करछौ व किमाणा के लोग भी जिनके परिजन घटना के बाद से ही टनल के बाहर टकटकी लगाए बैठे हैं। तीन दिनों से इनकी ये दिनचर्या बन गई है। लेकिन इनकी भी सुध लेने वाला कोई नही है। परिजन पूरे दिन टनल के एक ओर कोने मे बैठ है। लेकिन वहाॅ पंहुचने वाले नेता भी उनसे मिलने के जहमत नही उठा पा रहे है। वहाॅ पर पंहुचकर टीवी को इंटरब्यू देकर इतिश्री कर लेते है।
कांग्रेस के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष रामेश्वर थपलियाल जिनके परिवार के भी दो लोग लापता है ने कहा कि यहाॅ सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेता तो पहुच रहे है लेकिन नतीजा कुछ भी निकल रहा है। चैथे दिन भी अब तक टनल मे फॅसे लोगो तक नही पंहुच सके है। उनका आरोप था कि एनटीपीसी ने तक उनके परिजनो से मिलने की कोशिस नही की। इसलिए एनटीपीसी के खिलाफ भी आक्रोष लाजमी है।
इधर बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट जो सात फरवरी आपदा के दिन से मौके पर मौजूद रहकर आपदा एवं राहत कार्यो की निगरानी कर रहे है उनका कहना है कि राहत कार्यो मे किसी प्रकार का ब्यवधान ना हो इसके लिए शासन स्तर से भी नेताओ के अनावश्यक जमावडे पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए है।

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