नैनीताल। कुमाऊँ कमिश्नर अरविन्द सिंह हयांकी और, नैनीताल के विधायक संजीव आर्य ने कहा है कि नैनीताल में सूखाताल के पुनर्जीवन, नैनी झील के रिचार्जिंग जोन एवं सौन्दर्यकरण हेतु पैसे की कमी नहीं आने दी जाएगी। कहा कि झील का सौन्दर्यकरण पर्यावरण को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।
कुमाऊं कमिश्नर अरविन्द सिंह ह्यांकी की अध्यक्षता में एलडीए सभागार में हुई बैठक में क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य, नगर पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल सहित सामाजिक संगठनों के व्यक्तियों, अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।
मण्डलायुक्त अरविन्द सिंह ह्यांकी ने कहा कि सूखाताल की वर्तमान स्थिति को ठीक करने, सूखाताल झील के संरक्षण, संवर्धन करते हुए सौन्दर्यकरण करना है। भविष्य में झील के संरक्षण एवं रख-रखाव हेतु नए डेस्टीनेशन के रूप में भी विकसित किया जायेगा तथा भविष्य में झील के संरक्षण एवं रख-रखाव हेतु धन की कमी न हो। उन्होंने बताया कि झील संरक्षण एवं सौन्दर्यकरण योजना को पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के अनुकूल बनाने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कार्य योजना बेहतर करने के लिए जो भी सुझाव प्राप्त होंगे उन्हें कार्य योजना में शामिल किया जायेगा। मण्डलायुक्त ने ज्योलोजिस्ट, इकोलोजिस्ट, हाईड्रोलोजिस्ट को शामिल करते हुए चार सदस्यीय टैक्नीकल एडवाईजरी सब कमेटी का गठन किया जिसमें डाॅ.अजय रावत को अध्यक्ष तथा प्रोफेसर चारू पन्त, अनुपम साह, तथा विशाल सिंह को सदस्य नामित किया गया।
क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य ने कहा कि क्षेत्रीय जनता एवं ज्योजिस्ट के जो भी सकारात्मक सुझाव हैं उन्हें शामिल करने के साथ ही जो भी चिन्ताऐं हैं, उन्हें दूर करने का कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि नैनीताल की सुन्दरता एवं अस्तित्व बचा रहे। पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण संतुलन के साथ नैनीताल का चहुॅमुखी विकास हो। उन्होंने कहा कि जनता के पैसे का सदुपयोग कराया जायेगा तथा कार्य योजना में जो भी आवश्यक संशोधन की आवश्यकता होगी, उन्हें संशोधित किया जायेगा।
डाॅ.अजय रावत ने कहा कि जो भी अच्छा काम होगा उसे प्रमोट किया जायेगा। यदि कोई इकोलोजीकल दृष्टि से संशोधन की आवश्यकता हो तो वह प्रोजेक्ट में शामिल होना चाहिए। उन्होंने सूखाताल में बढ़ते अतिक्रमण तथा सूखाताल को रिचार्ज करने वाले नालों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सांसद प्रतिनिधि गोपाल रावत, विशाल सिंह, चारू पन्त, अनुपम साह, दिनेश साह, मारूति साह, राजीव लोचन साह, ललित तिवारी आदि ने भी महत्वपूर्ण जानकारियाॅ साझा करते हुए अपने-अपने सुझाव रखे।
अत्रिकमण रोकने एवं सुरक्षात्मक दृष्टि से झील के चारों ओर दीवार निर्माण की सहमति व्यक्त की गयी तथा झील की सतह के सम्बन्ध में मटैरियल का चुनाव नहीं हो पाया। अधिशासी अभियंता संतोष उपाध्याय ने झील के पानी एवं रिचार्ज के बारे तथा कंसलटैण्ट ने प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल, प्रबन्ध निदेशक केएमवीएन एवं उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नरेन्द्र सिंह भण्डारी, सचिव प्राधिकरण पंकज उपाध्याय, जीएम केएमवीएन एपी वाजपेयी, अधिशासी अभियंता संतोष उपाध्याय, सभासद गजाला कमाल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविन्द गौड़, अधिशासी अधिकारी एके वर्मा, कन्सलटेण्ट पंकज मौर्य सहित राजेश साह, नीरज जोशी, अनविता पाण्डेय, विनोद कुमार पाण्डेय, जीएस राणा, एमपी सिंह, नीता पवार, नोमन सिद्दीकी, एससी भट्ट आदि उपस्थित थे।