भाकपा माले ने सरकार पर दमुवाढुंगा के लोगों को ध्वस्तीकरण और बेदखली के नोटिस देने का लगाया आरोप

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हल्द्वानी। हल्द्वानी के दमुआढुंगा में लोगों को विगत कुछ दिनों से बेदखली और ध्वस्तीकरण के नोटिस भेजे जा रहे हैं जो गरीब लोगों को उजाड़ने की भाजपा सरकार की एक और कोशिश है। एक ओर हल्द्वानी काठगोदाम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट और कालाढुंगी विधायक बंशीधर भगत कह रहे हैं कि दमुआढुंगा में एक इंच भूमि पर भी बुलडोजर नहीं चलेगा। दूसरी ओर दमुआढुंगा के लोगों को ध्वस्तीकरण के ताजा नोटिस देकर स्वयं अपने मकान दुकान को पंद्रह दिन में ध्वस्त करने अथवा प्रशासन द्वारा तोड़ दिए जाने की धमकी दी जा रही है। भाकपा माले प्रशासन की इस जनविरोधी कार्यवाही का पुरजोर विरोध करते हुए मांग करती है कि दमुआढुंगा में दिए गए सभी नोटिस वापस लिए जाएं। यह बात एक प्रेस बयान में भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कही।

माले जिला सचिव ने कहा कि, राज्य की भाजपा सरकार गरीब लोगों को उजाड़ने पर तुली है। होना तो यह चाहिए था कि राज्य की नजूल, वन भूमि पर दशकों से रह रही लाखों की आबादी को जो जहां पर है वहीं उसे मालिकाना अधिकार दिया जाता लेकिन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसके ठीक उलट “लैंड जेहाद” का असंवैधानिक जुमला उछालकर गरीबों के आवासों दुकानों पर बुलडोजर चला रहे हैं। ये बंद होना चाहिए। दमुआढुंगा के लोगों को उजाड़ने के नोटिस वापस लिए जाने चाहिए। नैनीताल जिले में दमुआढुंगा, बागजाला, बिंदुखत्ता, पुछड़ी, हल्द्वानी, लालकुआं समेत सभी नजूल और वन भूमि पर बसे लोगों को स्थाई निवास की अनुमति देते हुए भूमि के मालिकाने की कार्यवाही शुरू करनी चाहिए। गरीब लोगों को उजाड़ने की किसी भी तरह की कोशिश बंद होनी चाहिए।

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