देहरादून। सरकार ने पर्यटक स्थलों पर भीड़ भाड़ कम करने के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की तो लोगों ने इस रिपोर्ट में ही फर्जीबाड़ा शुरू कर दिया। अशारोड़ी चेक पोस्ट पर पुलिस ने मसूरी घूमने आ रहे गाज़ियाबाद के एक व्यक्ति के पास से 10 फर्जी आरटीपीसीआर पकड़ीं। जबकि, तीन अन्य पर्यटकों के पास भी फर्जी रिपोर्ट मिली। जिस पर पुलिस ने चारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
सरकार ने उत्तराखंड में आने के लिए बाहरी राज्यों के पर्यटकों को 72 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी कर दिया है। यही सख्ती फर्जीबाड़े के लिए लोगों की बड़ी वजह बनी। मसूरी और आसपास के पर्यटक स्थलों में छुट्टी का लुत्फ लेने के चक्कर में ऐसे ही चार पर्यटक हवालात पहुंच गए। बुधवार शाम आशारोड़ी चेक पोस्ट पर पुलिस को एक कार सवार के पास मिली रिपोर्ट सामान्य नहीं लगी।
थानाध्यक्ष धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि बारीकी से जांच की गई तो पता चला कि व्यक्ति के पास कोरोना जांच की 10 फर्जी रिपोर्ट हैं। उसके साथ परिवार के अन्य लोग भी थे। इसके पीछे आ रही एक और कार में तीन और लोग सवार थे। इनकी रिपोर्ट भी फर्जी मिली। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें तीन पर्यटक गाज़ियाबाद निवासी हैं और एक बिहार का रहने वाला है। ये सभी मसूरी घूमने आ रहे थे। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार पर्यटकों में तरुण मित्तल निवासी 167 सेक्टर 6 चिरंजीव विहार गाजियाबाद, अमित गुप्ता निवासी केएम कवि नगर गाजियाबाद, अमित कौशिक निवासी 126 एफ ब्लाक नेहरूनगर गाजियाबाद औऱ सुजीत कामत निवासी झिडकी जिला मधुबनी बिहार शामिल हैं। आज उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।