काशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कहा- कोरोना काल में योगी आदित्यनाथ ने किया ऐतिहासिक काम, 1583 करोङ रुपए की योजनाओं की दी सौगात

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  1. लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी को 1,583 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी है। इसके साथ ही उन्होंने बीएचयू ग्राउंड में लोगों को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की है। बीते दिनों राज्य में नेतृत्व परिवर्तन और बड़े फेरबदल जैसी चर्चाओं को इसके जरिए उन्होंने खारिज किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ को कर्मठ और लोकप्रिय नेता बताते हुए उन्होंने कोरोना संकट से निपटने में योगी सरकार के काम की तारीफ की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि यूपी के लिए पहले भी योजनाएं तैयार होती थीं, लेकिन 2017 से पहले लखनऊ से रोड़ा लग जाता था। सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद हर काम को संभालते हैं। वह हर काम पर बारीकी से नजर रखते हैं और काशी से लेकर पूरे प्रदेश में हो रहे कामों की निजी तौर पर निगरानी करते हैं।
    पीएम मोदी ने कहा कि योगी सरकार में माफिया राज और गुंडा राज खत्म हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि आज बहन बेटियों की तरफ नजर उठाने वालों को पता है कि वह कानून से बच नहीं पाएंगे। आज यूपी में सरकार भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से नहीं बल्कि विकासवाद से चल रही है। इसलिए आज यूपी में जनता की योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर जनता को मिल रहा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘यूपी ने जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर को फैलने से रोका है, वह अभूतपूर्व है। पीएम मोदी ने कहा कि यूपी के लोगों ने वह दौर भी देखा है, जब दिमागी बुखार और इंसेफलाइटिस जैसी बीमारी से यहां कितनी मुश्किलें आती थीं।’
    पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की पूर्व की गैर-भाजपा सरकारों पर भी इशारों में हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘यहां इच्छा शक्ति और स्वास्थ्य ढांचे के अभाव में छोटे-छोटे संकट भी विकराल हो जाते थे। यह तो बीते 100 सालों में दुनिया पर आई सबसे बड़ी आफत और महामारी है। इसलिए कोरोना से निपटने में उत्तर प्रदेश के प्रयास उल्लेखनीय हैं। मैं यूपी में कोरोना वॉरियर्स और इस संकट से निपटने वाली पूरी टीम का आभारी हूं। आप लोगों ने जिस तरह से दिन रात जुटकर काशी में व्यवस्थाएं खड़ी कीं, वह बहुत बड़ी सेवा है। मुझे याद है कि आधी रात में भी जब मैं यहां व्यवस्था से जुड़े लोगों को फोन करता था तो वह मोर्चे पर तैनात मिलते थे। कठिन समय था, लेकिन आपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी।’
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