नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायालय ने भारतीय सेना की लीगल सेल से पूछा है कि क्या सेना की 127 बटालियन नदियों में अवैध खनन रोकने के लिए भी कार्य कर सकती है? हाईकोर्ट ने गुरुवार को यह सवाल, हरिद्वार में गंगा किनारे अवैध खनन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 जून की तिथि नियत की है।
इस मामले में मातृ सदन (हरिद्वार) की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान मातृ सदन की ओर से कहा गया कि पूर्व में अदालत व केंद्रीय पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हरिद्वार में चल रहे 48 स्टोन क्रशरों के संचालन पर पाबंदी लगा दी थी। जो बंद भी हो गए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में विधिक राय ली। उसमें भी क्रशर बंद करने के आदेश को सही ठहराया। पर वर्तमान में ये स्टोन क्रशर संचालित हैं। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से राज्य सरकार की उस विधिक राय को पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश पर सेना की लीगल सेल के कैप्टन राघव भी पेश हुए। कोर्ट ने उनसे पूछा-सेना की 127 बटालियन, जो पर्यावरण व जलस्रोतों को बचाने के लिए कार्य कर रही है, क्या वह नदियों में अवैध खनन रोकने को भी कार्य कर सकती है। कैप्टन ने कहा कि वे इस संबंध में आला अफसरों से बात करेंगे।






