हल्द्वानी। शहर के आवास विकास, सुभाषनगर, लालडाट, काठगोदान सहित कई इलाकों में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए जारी किए गए नोटिसों से जनता में भय और चिंता का माहौल है। इस कार्रवाई से लगभग बीस हजार से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं। इन इलाकों में गरीब, निम्न आयवर्ग और मध्यमवर्गीय परिवारों की बड़ी आबादी निवास करती है, जिनके सिर से छत छीन जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस संबंध में प्रभावित इलाकों के लोगों और जनप्रतिनिधियों की ओर से एसडीएम हल्द्वानी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया है, जिसमें इस कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने और स्थायी समाधान की मांग की गई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्व में रकसिया व देवखड़ी नालों को करोड़ों रुपये की लागत से गहरा किया गया था, लेकिन मौजूदा स्थिति में वह कार्य सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। लोगों का कहना है कि वर्तमान हालात में बार-बार की तोड़फोड़ की कार्रवाई से केवल गरीबों पर गाज गिर रही है। उनका जीवन-यापन, रोज़गार और बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ज्ञापन में यह भी सुझाव दिया गया है कि हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में बहने वाले सभी नालों का एक विस्तृत परियोजना बनाकर दिशा परिवर्तन किया जाए, जिससे किसी का आशियाना उजड़ने से बच सके और स्थायी समाधान मिल सके।
कांग्रेस नेता ललित जोशी के नेतृत्व में पार्षद मुकुल बल्यूटिया, सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र पाठक सहित नागरिकों ने यह मांग उठाई है कि जब तक दिशा परिवर्तन की योजना अमल में नहीं लाई जाती, तब तक तोड़फोड़ की कार्यवाही पर पूर्ण विराम लगाया जाए। स्थानीय जनता प्रशासन से अपेक्षा कर रही है कि वह मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए इस ज्वलंत मुद्दे का समावेशी, व्यावहारिक और संवेदनशील समाधान निकाले।


















