हरिद्वार। ईरान और इस्राइल के बीच हो रहे युद्ध में हरिद्वार के मंगलौर इलाके से ईरान गए तकरीबन 15 तीर्थयात्री और इस्लामिक स्टडीज के लिए ईरान गए 17 छात्र फंस गए हैं। उड़ानें रद्द होने से उनकी वापसी मुश्किल हो गई है। यहां उनके परिजनों की फिक्र में नींद उड़ी हुई है। ईरान गए लोगों में मंगलौर, टांडा भनेड़ा व जैनपुर झंझेड़ी के युवक भी शामिल हैं।
परिजनों ने भारत सरकार से उनके बच्चों व परिजनों को सकुशल वापस लाने की मांग की है। मंगलौर इलाके से हर साल काफी लोग धार्मिक यात्रा के लिए ईरान और इराक जाते हैं। इस साल भी मंगलौर क्षेत्र से 15 जायरीन ईरान गए हुए हैं। जत्थे में उनके साथ महिलाएं व बच्चे भी हैं।
बताया गया है कि सभी ने इराक के पवित्र स्थलों की जियारत की और फिर ईरान पहुंचे, लेकिन वापसी का समय आया तो इस्राइल ने ईरान पर बड़े हवाई हमले कर दिए। इसके बाद ईरान ने अपनी हवाई सेवाएं बंद कर दी। हमलों के बीच फोन पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। परिजनों को चिंता सता रही है। सभी उनकी सलामती व सकुशल वापसी की दुआ कर रहे हैं।
तीर्थ यात्रियों के अलावा मंगलौर इलाके के 17 छात्र भी ईरान में फंसे हुए हैं। ये छात्र इस्लामिक स्टडीज के लिए वहां विभिन्न मदरसों में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। हर साल मोहर्रम से पहले इनको छुट्टी मिलती है और भारत लौट आते हैं। लेकिन इस बार युद्ध ने उनकी वापसी पर पानी फेर दिया है।
मौलाना सिब्ते हसन ने बताया कि उनका बेटा तीन साल से ईरान में रहकर तालीम हासिल कर रहा है। पिछले तीन दिनों से उससे संपर्क नहीं हो पाया है। उनको बेटे की चिंता सता रही है। उन्होंने भारत सरकार से ईरान में फंसे सभी भारतीयों को सकुशल वापस लाने की मांग की हैं।
मोहम्मद राहत, मुशीर, इमाम अली, कासिम, सरताज, मौलाना जीशान अली, मोहम्मद शाह रजा, मोहम्मद तबरेज, मोहम्मद राहिब, मौलाना मोहसिन अली, मौलाना अबुल हसन, अली खान, हसन रजा, आले हसन, अहसान, शाकिर आदि ने बताया कि उनके बच्चे भी शिक्षा हासिल करने ईरान गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से बच्चों से फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा हैं। ईरान पर हो रहे इस्राइल के हवाई हमलों को लेकर उनकी चिंता बढ़ी हुई हैं। बच्चे किस हाल में हैं कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने भारत सरकार से उनके बच्चों को ईरान से वापस लाने की मांग की है।


















