केंद्र सरकार की हठधर्मिता चलते तीनों कृषि कानूनों में संशोधन नहीं किया जा रहा: सुकर्मपाल सिंह राणा

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भारतीय किसान संघ ने किसानों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया

केंद्र सरकार की हठधर्मिता चलते तीनों कृषि कानूनों में संशोधन नहीं किया जा रहा: सुकर्मपाल सिंह राणा

देहरादून, संघ परिवार उत्तराखंड के समन्वय बैठक में भारतीय किसान संघ सहित संघ परिवार के 35 संगठनों प्रदेश संगठन मंत्री अध्यक्षों तथा महामंत्री ने भाग लिया,

जिसमें भारतीय किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री सुकर्मपालसिहराणा ने किसानों की समस्या मुख्यमंत्री श्रीमान पुष्कर  धामी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल , अरुण कुमार  और भाजपा के संगठन महामंत्री  बीएल संतोष  के सामने जोरदार तरीके से उठाते हुए कहा कि जब किसान सहकारी समितियों से बीज खाद और दवाइयां लेता है तो किसान को रसीद नहीं दी जाती जो किसान के मन में शंका पैदा करती हैं कि पता नहीं कीमत असली है या घोटाला ?.

इस समस्या के समाधान के लिए 3 वर्ष पूर्व कृषि मंत्री श्रीमान सुबोध उनियाल को लिखित में समस्या के समाधान के लिए एक ज्ञापन प्रेषित किया था 6 महा पहले ऑनलाइन समन्वय बैठक में फिर कृषि मंत्री को सहकारी समिति की समस्या याद दिलाई थी.  मार्च 2021 में प्रचारक बैठक में भी इस समस्या का जिक्र आया था.किंतु इसका समाधान नहीं आज तक नहीं निकला,

श्री राणा ने इकबालपुर चीनी मिल पर गत वर्ष का किसानों का करोड़ों रुपए गन्ने का बकाया है 2 साल बाद भी भुगतान नहीं हो पाया,

गन्ना बोर्ड की बैठक जब से भाजपा की सरकार आई अथवा 4 वर्षों से नहीं हो पाई जिसे गन्ना किसान के संस्था क्योंकि तो बनी हुई है,

श्री राणा ने हरिद्वार से रुड़की होती हुई गंग नहर जो मुरादनगर को जाती है, उसमें हरिद्वार और रुड़की के बीच में नहर के दोनों तरफ असामाजिक तत्वों ने गंग नहर की दोनों तरफ से सरकारी भूमि पर असामाजिक तत्व कब्जा जमाए बैठे हैं ,

उत्तराखंड का प्रशासन इसे समस्याओं को यूपी शासन पर डालकर पल्ला झाड़ लेता है, किंतु कब्जा नहीं हटाया जा रहा है और अंत में श्री राणा ने तीनों कृषि कानूनों में संशोधन के लिए जो सितंबर 2020 में केंद्रीय कृषि मंत्री और श्रीमान प्रधानमंत्री जी को 20000 गांव से भारतीय किसान संघ के ग्राम समितियों द्वारा हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन ईमेल किए थे, किंतु केंद्र सरकार की हठधर्मिता चलते तीनों कृषि कानूनों में संशोधन नहीं किया जा रहा ,जिससे किसानों के अंदर असंतोष बढ़ता जा रहा है ,

प्रदेश संगठन मंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हर जनपद में स्वतंत्र कृषि न्यायालय स्थापित हो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी हो, कृषि मंडी समाप्त न हो और व्यापारियों का प्रदेश और केंद्र पर पंजीकरण हो कंपनियों को कृषि का दर्जा न दिया जाए ,शीघ्र समाधान न होने पर भारतीय किसान संघ में सड़कों पर उतरेगा, जो सरकार के लिए गंभीर चुनौती पैदा कर सकता है ,

समन्वय बैठक में भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष  भुवन विक्रम डबराल , प्रदेश महामंत्री सुधीर  शाही , संघ के प्रांत प्रचारक  युद्धवीर जी ,प्रांत संघचालक श्रीमान डॉ राकेश भट्ट जी ,प्रांत कार्यवाह श्रीमान दिनेश सेमवाल जी, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष राजेश शर्मा, सभी विभागों के विभाग प्रचारक सहित 102 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सभी ने भारतीय किसान संघ की समस्याओं का समर्थन किया और अंत में संगठन मंत्री श्री राणा ने सबका स्वागत अभिनंदन और पवित्र श्रावण माह भोले शंकर की शुभकामनाएं दी,

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