पिथौरागढ। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ की सरयू नदी में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बना रही कंपनी के डायरेक्टर सहित 18 लोगों के खिलाफ राजस्व पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है, जिनमें छह नामजद और 12 अज्ञात हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निर्देश के बाद डीएम ने एसडीएम बेड़ीनाग को जांच सौंपी थी। इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करने पर राजस्व उपनिरीक्षक को निलंबित किया गया था।
गणाई तहसील के सिरसोली के नजदीक सरयू नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बना रही कंपनी पर सिरतोला निवास व्यक्ति ने उसके परिवार की नाप भूमि हड़पने का आरोप लगाया था। उसका कहना था कि कंपनी ने भूमिधरों की अनुमति के बिना जबरन सड़क बना दी। कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में 12 अप्रैल को शिकायतकर्ता का निर्माणाधीन भवन गिरा दिया गया।
परिवार की महिलाओं के विरोध करने पर उनके साथ छेड़खानी, गाली-गलौज, अभद्रता और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर भगा दिया गया। उन्होंने अनुसूचित जाति आयोग से गुहार लगाई थी। इसके बाद आयोग ने मामले में डीएम पिथौरागढ़ को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
जिलाधिकारी ने एसडीएम बेरीनाग को मामले की जांच सौंपी थी, जिसके बाद पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर संतोष ठाकुर, अशोका राज, अशोक सिंह, प्रकाश सिंह, विवेक सिंह बनकोटी, बचीराम और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम, 147, 354, 427, 504 और 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत करने के बाद केस रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित कर दिया है। मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करने पर पूर्व में क्षेत्रीय उप राजस्व निरीक्षक बनकोट मनीष पुरोहित निलंबित चल रहे हैं।