कोविड की तरह सडक दुर्घटनाए भी एक महामारी

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सड़क दुर्घटनाऐं कोविड महामारी से ज्यादा भयंकर महामारी
कोविड की तरह सडक दुर्घटनाए भी एक महामारी
जनपक्ष आजकल
देहरादून! संजय आॅर्थोपीडिक स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर एवं सेवा सोसाइटी ने राष्ट्रीय सडक सुरक्षा माह के उपलक्ष में आज समापन दिवस पर एक वेबिनार का आयोजन किया।
इंडिया बुक रिकाॅर्ड होल्डर आर्थोपीडिक सर्जन डाॅ गौरव संजय ने बताया कि सडक दुर्घटनाओं से पीडित मरीजों में से एक चैथाई लोगों की तो मौत हो जाती है और केवल एक चैथाई लोग ही अच्छे ईलाज के बावजूद ठीक हो पाते हैं जबकि अन्य में कुछ ना कुछ परेशानियाॅ बनी रहती हंै जिससे न केवल पीडितों की बल्कि देश की भी आर्थिक स्थिति बिगड रही है। सड़क दुर्घटना के बाद गरीब आदमी और गरीब होता जा रहा है।
कोरोना महामारी का कारण तो कोरोना वाइरस है जो इतना सूक्ष्म है कि हम देख नहीं सकते इसलिए मार नहीं सकते लेकिन सड़क दुर्घटना के कारक जो कि चालक हैं जिनके कारण 90ः सड़क दुर्घटनाऐं होती हैं, उनको तो सरकार पकड़ सकती है और इस तरह के लोगों को वाहन चलाने से रोक सकती है और ऐसे लोगों को ड्राईवरी के अलावा कोई और काम दिया जा सकता है जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है। यदि ऐसा हो जाता है तो ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी चरितार्थ हो जाएगी।
गिनीज एवं लिम्का बुक रिकाॅर्ड होल्डर डाॅ. बी. के. एस. संजय जिनको इस साल के पदम श्री पुरस्कार से भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है, ने वेबिनार के दौरान बताया कि कहने को तो कोविड 19 एक बहुत भयंकर महामारी है जो कि प्राकृतिक है लेकिन मानव निर्मित सड़क दुर्घटनाओं की महामारी कोविड 19 महामारी से भी भयंकर है।
डाॅ. संजय ने कुछ ऐसे तथ्यों को तुलनात्मक ढंग से दिखाया जो कि चैकाने वाले हैं। कोविड 19 से अब तक देश में 1,09,37,320 लोग संक्रमित हुए जिनमें से 1,55,949 लोगों की मौतें हुई हैं यानि कि 100 में से 1 की मौत हुई, लेकिन दूसरी तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के 4,37,396 मरीजों में से 1,54,732 मौतें हुई हैं जिसका मतलब है कि 3 में से 1 की मौत हो गई।
दूसरी मुख्य बात कोविड 19 और सड़क दुर्घटना में यह है जहां पर कोविड में मरने वालों में 90ः लोगों की उम्र 60 से ज्यादा थी और जो किसी न किसी लम्बी बीमारी से ग्रसित थे और जिनमें से अधिकांशतः अपना जीवन घर पर ही गुजार रहे थे जबकि 70 प्रतिशत सड़क दुर्घटना में मरने वालों की उम्र 18-45 ही होती है और वह सक्रिय एवं स्वस्थ्य होते हैं और जो सड़कों पर किसी न किसी काम के कारण होते हैं।
यहां पर मैं इस बात को ध्यान दिलाना चाहता हूं कि हमारे समाज ने जितनी सावधानियां कोविड महामारी से बचने के लिए बरती और सरकार ने जितना धन कोविड महामारी को नियंत्रित करने में लगाया उसकी तुलना मंे यदि हमारे समाज ने सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए सूक्ष्म सावधानियां जैसे कि यातायात के नियमों को मानना और यदि सरकार ने थोड़ी सी कडाई से यातायात के नियमों को लोगों से मनवा देती है तो जिस प्रकार हमारे देश ने लगभग कोविड जैसी महामारी से जीत पा ली है तो उसी प्रकार हमारा देश सडक दुर्घटनाओं की महामारी को निश्चित ही नियंत्रित कर लेगा।

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