पंजाब का सत्ता संघर्ष: फिर कैप्टन की कुर्सी को खतरा

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चंडीगढ। पंजाब कांग्रेस में कलह जारी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ उठे बगावती सुर थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व के निर्देश पर आज पंजाब के सभी विधायकों की बैठक पंजाब प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गई है। बैठक शाम को पांच बजे होगी। पंजाब के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बैठक की जानकारी ट्वीट कर दी।
पंजाब में अभी तक विधायकों की सभी बैठकें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में हुईं है। अब जिस तरह नेतृत्व ने विधायकों की बैठक कांग्रेस कार्यालय में बुलाने को कहा है, इससे कई कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, बैठक में कैप्टन और सिद्धू विधायकों के समर्थन को लेकर अपनी-अपनी ताकत दिखाएंगे।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ लामबंद हो रहे कई विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की थी कि पंजाब विधायक दल की बैठक बुलाई जाए, जिसमें विधायकों को अपना पक्ष रखने का अवसर मिल सके। इन विधायकों ने सोनिया गांधी को इस बारे एक पत्र भेजा था, जिसमें कैप्टन के कामकाज पर उंगली उठाते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी । इसके साथ ही विधायक दल की बैठक बुलाने के लिए दो पर्यवेक्षकों को चंडीगढ़ भेजने की मांग भी हाईकमान से उठाई गई थी।
यह भी कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी को भेजा गया पत्र कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने लिखा है, जिस पर गुरुवार को बाजवा ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। दरअसल, चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस के किसी भी नेता ने ऐसे किसी पत्र की पुष्टि नहीं की है। उधर, हरीश रावत ने बुधवार को नई दिल्ली में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि रावत को पंजाब कांग्रेस का मसला जल्द से जल्द हल करने को कहा गया है।

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