देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य के पहाड़ी जिलों में जिला विकास प्राधिकरण समाप्त करने के बाद वहां के सुनियोजित विकास पर अध्ययन किए जाने की जरूरत है। साथ ही गलत तरीके से हो रहे निर्माण कार्यों पर भी गंभीरता से विचार करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री गुरूवार को जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, हरक सिंह रावत, सचिव शैलेश बगोली, सुशील कुमार विनोद कुमार सुमन तथा उपाध्यक्ष एमडीडीए रणवीर सिंह उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास प्राधिकरणों को स्थगित किये जाने के फलस्वरूप विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में सुनियोजित विकास के प्रति भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में आवासीय भवनों के नक्शे पास कराने की बाध्यता न रहने के कारण इन क्षत्रों में सुनियोजित विकास के लिये व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए कोई सर्वमान्य निर्णय लिया जाना उचित होगा। इसके लिये उन्होंने सचिव शहरी विकास को इस सम्बन्ध में शीघ्र अपनी आख्या प्रस्तुत करने को भी कहा है।
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