हल्द्वानी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि विधानसभा में 70 में से 57 विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं । इतना भारी बहुमत होने के बाद भी अगर मुख्यमंत्री बदलना पड़ रहा है तो यह गलत है। भाजपा का नैतिक कर्तव्य है कि सरकार से ही इस्तीफा दे दें। गवर्नर को चाहिए कि अब वह विधानसभा भंग कर राज्य में विधान सभा चुनाव की घोषणा कर दें’।
श्री रावत ने प्रदेश में हुए घटना क्रम पर बयान देते हुए कहा कि भाजपा ने एक बार फिर उत्तराखंड में राजनैतिक अस्थिरता पैदा कर दी है। इससे पहले कांग्रेस की सरकार के समय रुपये के बल पर विधायकों को खरीदकर राजनैतिक अस्थिरता थोपी थी। इसी के साथ ही भाजपा ने स्वीकार कर लिया है कि चार साल अच्छी सरकार नहीं बना पाए। प्रदेश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार बढ़ा और विकास कार्य ठप हुए। उन्होंने भाजपा पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि सीएम का चेहरा बदलने से क्या होगा, भाजपा का चाल और चरित्र तो पहले जैसे ही रहेगा। उन्होंने कहा कि अब भाजपा की नैतिक जिम्मेदारी है कि खुद ही सरकार से इस्तीफा दे दें और गर्वनर को चाहिए विधानसभा को भंग कर एक साल बाद होने वाले चुनाव अभी करा देने चाहिए।