*हरीश रावत ने कही दिल की बात: मैं लालकुऑ चुनाव लङने के पक्ष में नहीं था, पार्टी प्रभारी के आग्रह सो स्वीकारना पङा*

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देहरादून। विधानसभा चुनाव-2022 में करारी हार के सदमे से जूझ रही कांग्रेस में शीर्ष नेताओं के बीच कोल्ड वॉर फिर से शुरू हों गई। चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत के अप्रत्याशित रूप से रामनगर सीट से दावेदारी पर बीते रोज नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सवाल उठाए थे।रावत ने पलटवार करते हुए प्रीतम को तो नसीहत की ही साथ में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर भी परोक्ष रूप से हमला बोला।
रावत ने कहा कि प्रीतम ने एक बहुत सटीक बात कही कि आप जब तक किसी क्षेत्र में 5 साल काम नहीं करेंगे तो आपको वहां चुनाव लड़ने नहीं पहुंचना चाहिए। फसल कोई बोये काटने कोई और पहुंच जाए। लेकिन मैं तो चुनाव लड़ने के बजाय चुनाव प्रचार करना चाहता था।  स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में राय दी गई कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए।
इसके बाद मैंने रामनगर से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की। वर्ष 2017 में भी वहीं से लड़ना चाहता था, पर रणजीत रावत की गुजारिश पर किच्छा चला गया था।मुझे रामनगर से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का था और मुझे रामनगर के बजाय लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का ही था।
रावत ने खुलासा किया कि लालकुआं के हालत देख जब वहा से चुनाव लड़ने की अनिच्छा जाहिर की तो पार्टी प्रभारी ने पार्टी के सम्मान का हवाला देते हुए पीछे न हटने का अनुरोध करते हुए असहमति जता दी।  आगे रावत ने कहा कि वो किसी क्षेत्र में  पांच साल काम करने के बाद ही चुनाव लड़ने की बात से सहमत हैं।  लेकिन इस विषय पर सार्वजनिक बहस के बजाय पार्टी के अंदर विचार मंथन कर लिया जाए तो मुझे अच्छा लगेगा।

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