देहरादून। द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि 1990 में कश्मीर में बर्बरतापूर्ण अत्याचार हुआ। जिस तरीके से कश्मीरी पंडितों को मारा गया, नरसंहार हुआ, महिलाओं पर अत्याचार हुए, उनको अपने घर-गांव, अपनी उस मातृभूमि को छोड़ना पड़ा, उसकी यादें आज भी उनके जेहन में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने भी मुजफ्फरनगर में इसी तरह का अत्याचार झेला।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा कि कहीं न कहीं आतंकवाद का जो नया स्वरूप कश्मीर में देखने को मिला है, उसको समझने में चूक हुई है। हम उत्तराखंड के लोगों ने भी मुजफ्फरनगर में इसी तरीके का अत्याचार झेला है, जब सत्ता ही हम पर टूट पड़ी थी। उत्तराखंड को राज्य मिला और हमने उस दर्द को अपनी छाती में संजो लिया और आगे की तरफ देखा।
कश्मीर में भी आगे की तरफ देखने की आवश्यकता है और उसके लिए आवश्यक है कि आतंकवाद के खात्मे के लिए पूरी राष्ट्रीय शक्ति लगाई जाए। जहां भी ये आतंकवाद पनप रहा है, वहीं उसको नष्ट किया जाए। यदि भारतीय पराक्रम बंगला स्वाभिमान की रक्षा के लिए एक नया इतिहास बना सकता है तो यहां भी आतंकवाद रूपी कायरता को समाप्त करने के लिए इतिहास बनाने में हमको संकोच नहीं करना चाहिए।