रुद्रपुर। ऊधम सिंह नगर जिले में वर्ष 2017 में विकास प्राधिकरण बनने से पहले हुए अवैध निर्माण कार्यों की हजारों फाइलों को खोलने के निर्देश कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जिला विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को दिए हैं। मंडलायुक्त रावत ने कहा कि इसमें सरकार का राजस्व लॉक्ड है जो फाइलें खुलने के बाद ही बढ़ सकता है।
कुमाऊं कमिश्नर ने विकास प्राधिकरण कार्यालय के प्रशासनिक अनुभाग का जायजा लिया, जहां अधिकारियों की ओर से उन्हें रिक्त पड़े स्टाफ के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद रावत ने विचाराधीन मामलों की फाइलें देखीं जहां उन्हें निर्माण कार्यों के 887 वादों के मामले विचाराधीन मिले। इसके साथ ही 113 अवैध कॉलोनियों के विचाराधीन मामलों में अब तक सिर्फ तीन कॉलोनियों को सील किया गया है।
विकास प्राधिकरण की न्यूनतम कार्यवाही से कुमाऊं कमिश्नर असंतुष्ट हुए। उन्होंने सचिव समेत उपाध्यक्ष को अवैध निर्माण कार्यों में तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि कोविड-19 के दौरान धीमे पड़े वादों में शीघ्र सुनवाई की जाए। साथ ही जिले में तेजी से चल रहे अवैध निर्माणकार्यों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
कहा कि वर्ष 2017 में विकास प्राधिकरण बनने से पहले जिले में हुए अवैध निर्माण कार्यों की फाइलों को खोला जाए। ताकि उनसे सरकार को राजस्व मिल सके।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि प्राधिकरण में स्टाफ का टोटा होने की जानकारी शासन को दी जाएगी। शासन की ओर से आयोग या आउटसोर्स माध्यम से रिक्त पड़े पदों को भरा जाएगा। ताकि विकास प्राधिकरण के कार्य तेजी से हों। इधर, उपाध्यक्ष हरीश कांडपाल ने कहा कि कार्यालय में 50 में से 12 पदों में कर्मचारी तैनात हैं। कार्यालय में आईटी, इंजीनियर, टेक्निशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद खाली हैं। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के हिसाब से आउटसोर्स में ड्रॉफ्ट मैन, बहुउद्देशीय कार्मिक आदि रखे जाएंगे। इनका कार्य विकास प्राधिकरण के प्रोजेक्टों को मॉनीटरिंग करना है।