हरिद्वार। दो साल बाद बिना किसी पाबंदी की शुरू हुई चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को ऐसा रैला उमड़ रहा है कि चारों धामों में तिल रखने की जगह नहीं बच रही। प्रतिदिन यात्रियों की संख्या तय करने के बाद सभी स्लॉट फुल हो गए हैं। स्लॉट फूल होने से हरिद्वार के दोनों केंद्रों पर यात्रियों का पंजीकरण बंद कर दिया गया है।
बदरीनाथ धाम के लिए 25 मई तक का स्लॉट फुल है और गंगोत्री, यमुनोत्री व बाबा केदारनाथ के लिए तो नौ जून तक इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में बड़ी संख्या में यात्रियों ने चारधाम यात्रा के प्रवेशद्वार हरिद्वार में ही डेरा डाल दिया है, जबकि कई लोग समय अभाव के कारण लौट गए।
तीन मई को उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा शुरू हुई थी। पहले ही दिन से बड़ी संख्या में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु यात्रा के लिए पहुंचने शुरू हो गए थे। पहले तो सरकार की ओर से हर रोज यात्रियों की संख्या सीमित करने को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते रहे।
धामों में अव्यवस्था होने और 2013 की आपदा से सबक लेते हुए दर्शन करने के लिए यात्रियों की संख्या सीमित कर दी गई। बदरीनाथ में 16 हजार, केदरानाथ में 13 हजार, गंगोत्री में आठ हजार और यमुनोत्री में पांच हजार यात्रियों को ही एक दिन में दर्शन के लिए पंजीकरण कराया जा रहा है।
हरिद्वार में यात्रियों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए रेलवे स्टेशन और जिला पर्यटन विकास कार्यालय में काउंटर खुले हैं। केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में नौ जून तक स्लॉट फुल होने से पंजीकरण बंद हैं। लेकिन बुधवार से बदरीनाथ यात्रा के लिए भी 25 मई तक स्लॉट फुल होने से पंजीकरण बंद कर दिए गए। हरिद्वार चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार है।
हरिद्वार पहुंचने पर पंजीकरण प्रक्रिया बंद होने की जानकारी मिलने से श्रद्धालु निराश हैं। पंजीकरण केंद्रों पर भीड़ उमड़ रही है। अगले 23 दिन तक भी पंजीकरण नहीं होने के बाद भी ऐसे श्रद्धालुओं की संख्या बहुत है जो बाबा के दर्शन के लिए इंतजार करने के लिए यहीं रुक गए हैं।